साहित्य - संस्कृति

प्रेम कैद नहीं करता, दायरे नहीं खींचता , तोड़ता नहीं : डॉ माया गोला

गोरखपुर । विमर्श केंद्रित संस्था ‘आयाम’ द्वारा आज गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब के सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में हिन्दी की कवयित्री एवं अल्मोड़ा विश्विद्यलय में हिन्दी विभाग में सह आचार्य के पद पर कार्यरत डॉ माया गोला को आयाम सम्मान से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उन्होंने अपनी कविताओं का पाठ किया और ‘ ‘ मेरी कविता क्यों सुने ‘ विषय पर अपनी बात रखी।

उनकी दो कविताएं -‘ धार्मिक होने से कई गुना बेहतर है प्रेममय हो जाना/प्रेम कैद नहीं करता/दायरे नहीं खींचता/तोड़ता नहीं इंसान से इंसान को ‘ और  ‘ दुनिया के सारे धर्म ग्रंथ कर दिए जाए तहखनो के हवाले/और रचे जाएं प्रेमग्रंथ/अवतारों के रूप में जन्म लें प्रेम के देवता ही/पूजा नहीं प्रेम करना हो ज़रूरी ‘ को श्रोताओं ने बहुत पसंद किया।

इस  मौके पर उन्होंने कहा कि कला चाहें वह किसी रूप में हो वह दुनिया को सुन्दर बनाने के लिए लगातार प्रयास करता रहता है l साहित्य के माध्यम से अर्थात अपनी कविता के माध्यम से मैं भी इस समाज को, इस संसार को सुन्दर बनाने का प्रयास करने में अपना दायित्व निभा रही हूँ।  इसलिए मेरी कविता को पढ़ा जाना चाहिए l यह धरती कबीर की है l कबीर प्रेम के, गलत के प्रतिरोध के कवि है। उन्होंने भी दुनिया को सुन्दर समाज में परिवर्तित करने का सपना देखा और रचना की l हर कवि और सर्जक यही करता है l मेरा लिखना इसलिए भी है कि लिखा हुआ ही रह जाता है और वह किसी न किसी स्तर पर अपना काम करेगा ही l क्या आज कबीर का कहा बेह्तर समाज निर्माण के लिए लगातार प्रेरित नहीं करता है l साहित्य और कला ने हमेशा ही दुनिया को नफ़रतों से बचाया है l मेरी भी कविताएँ प्रेम और मनुष्यता के पक्ष में खड़ी होती हैं l

उनके वक्तव्य और कविता पाठ पर बात करते हुए डॉ असीम सत्यदेव ने कहा कि जिस बात पर माया गोला का विश्वास है उनकी कविता उसी का विस्तार है l

कवयित्री रंजना  जयसवाल ने कहा की प्रेम के विरुद्ध कविता नहीं की जाती, कविता नफरत के विरुद्ध ही होती है, वह इसलिए कि दुनिया नफरत से नहीं चलती और हम अपनी दुनिया में इसका प्रवेश नहीं होने देना चाहते l माया गोला लगातार नफरत को हमारी दुनिया में आने से रोक रही हैं l

फिल्मकार प्रदीप सुविज्ञ ने कहा कि माया गोला को सुनना जैसे एक साथ कई किताबों को पढ़ाना जैसा है l

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो भारत भूषण ने कहा कि माया गोला अपनी रचनाओं मे समाज के लिए लगातार परेशान दिखती हैं l यह समाज के लिए अच्छा संकेत है कि कोई उनके लिए परेशान है l

धन्यवाद ज्ञापन आयाम के संयोजक देवेंद्र आर्य ने किया l

कार्यक्रम का संचालन अजय सिंह ने किया l

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