गोरखपुर, 23 जून। गोरखपुर-महराजगंज मार्ग को फोर लेन में बदलने के लिए गोरखपुर में शहर के सैकड़ों पुराने पेड़ काट दिए गए। अब एयरपोर्ट से सर्किट हाउस तक की सड़क को चौड़ा करने के लिए पेड़ों पर कुल्हाड़ी और आरी चल रही है।
इस समय एयरपोर्ट से सर्किट हाउस तक की सड़क की चौड़ा करने का कार्य चल रहा है। यह वीआईपी सड़क है। यह वीवीआईपी नेता और अफसर एयरपोर्ट पर हवाई जहाज से उतरने के बाद सर्किट हाउस मीटिंग करने करने जाते हैं। अब तक की सड़क उनकी आवाजाही के लिए संकरी थी। इसलिए इसे चौड़ा किया जा रहा है।
सड़क चौड़ा करने में बाधक बने पेड़ों को काटा जा रहा है। कई पुराने और बड़े पेड़ काट भी दिए गए हैं। खास कर कुड़ाघाट से नन्दानगर तक सड़क के दोनों तरफ के लगभग सभी पेड़ काटे जा चुके हैं। इस रास्ते में सड़क किनारे काफी पुराने बड़े छतनार पेड़ थे। इन पेड़ों के कट जाने से इस रास्ते से गुजरने पर हरे छांव से वंचित होने का शिद्दत से अहसास हो रहा है।
यहां पर पेड़ों पर आरी और कुल्हाड़ी पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर भी चली। उस दिन शहर में तमाम छोटे-बड़े आयोजन में पर्यावरण संरक्षण में पेड़ों के महत्व पर खूब बातें हुईं और कई जगहों पर पोधे भी रोपे गए लेकिन इन पुराने पेड़ों की कुर्बानी पर कोई गमजदा नहीं हुआ। लगता है कि सभी ने विकास के लिए इस कुर्बानी को अनिवार्य मान लिया है।
असुरन से मेडिकल कालेज तक आम, पीपल आदि के पुराने पेड़ों की कुरबानी के बाद अब कूड़ाघाट से एयरपोर्ट तक पुराने और छायादार वृक्षों के सफाए के बाद अब शहर बहुत कम पुराने पेड़ बचे हैं। इससे शहर के पर्यावरण पर भी असर पड़ेगा। लेकिन इसकी चिंता ‘ विकास ’ के लिए दौड़ती-भागती दुनिया में किसे है ?
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