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इश्क-ए-इलाही छलकी आंख, मांगी दुआ

शब-ए-बरात पर पूरी रात पूर्वजों को याद करने में गुजारी

गोरखपुर, 22 मई। शब-ए-बरात के मौके पर मुसलमानों ने पूरी रात जिक्रे इलाही, इबादत, जियारत, दुआएं मांगने व पूर्वजों को याद करने में गुजारी। गुनाहों से निजात की रात में लोगों ने रो-रो कर खुदा से अपने व अपने पूर्वजों के गुनाहों की माफी मांगी। मस्जिद, दरगाह, कब्रिस्तान में लोगों का तांता लगा रहा। घरों में लजीज पकवानों पर फातिहा दिलायी गयी, गरीबों को खाना खिलाया गया। पुरुषों ने मस्जिदों में इबादत की तो महिलाओं ने घरों में इबादत कर खुशहाली की दुआएं मांगी। अल सुबह लोगों ने सेहरी खा कर नफीली रोजा रखा. रविवार सूर्यास्त के बाद चला यह सिलसिला सोमवार की सुबह तक चलता रहा।

हजरत उवैश करनी के नाम पर विशेष फातिहा हुई
शब-ए-बरात के मौके पर हजरत उवैश करनी रहमतुल्लाह अलैह के नाम से दिलायी गयी खुसूसी फातिहा. उन्हीं की याद में बने विभिन्न प्रकार के हलवें जैसे सूजी, चने की दाल, गरी आदि पर फातिहा दिलायी गयी और रिश्तेदारों, पड़ोसियों व गरीबों में बांटा गया.
मस्जिदों में अदा की नमाज, पढ़ा कुरआन
शहर की मस्जिदें नमाजियों से भरी नजर आयीं. रातभर लोग नफिल नमाजें पढ़ते रहे. कुरआन के तिलावत की मीठी आवाजें गौसिया जामा मस्जिद, गाजी रौजा मस्जिद, रहमतनगर जामा मस्जिद, शेख झांऊ मस्जिद, दरोगा खां मस्जिद, मस्जिदें हसनैन, जामा मस्जिद उर्दू बाजार, मदीना मस्जिद, रसूलपुर जामा मस्जिद सहित शहर की छोटी बड़ी मस्जिदों से गूँजती रहीं.
पूर्वजों को कब्रिस्तान जाकर किया याद
गोरखपुर. शहर के कब्रिस्तान जियारत करने वालों से गुलजार नजर आयें. लोगों ने अपने पूर्वजों को याद किया उनके नाम पर खाना खिलाया.फातिहा भी दिलाया. मुबारक खां शहीद कब्रिस्तान, कच्चीबाग, गोरखनाथ, बाले मैदान स्थित कब्रिस्तान, रसूलपुर सहित शहर के तमाम कब्रिस्तानों पर जा कर अपने पूर्वजों के लिए फातिहा पढ़ उनके बख्शिश की दुआ मांगी. कब्रिस्तानों पर यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा।

दरगाहें रही जियारतें आम

गोरखपुर. प्रमुख दरगाहें रातभर रोशनी से नहाती रही. पूरी रात फातिहा पढ़ने वालों का तांता लगा रहा. मुबारक खां शहीद के आस्ताने पर पूरी रात चहल पहल बनी रही. रेलवे स्टेशन पर रेल लाइन पर मौजूद हजरत मुसा शहीद, गोलघर में तोता मैना शाह, धर्मशाला बाजार स्थित अली नकी शाह उर्फ नक्को बाबा, कंकड़ शहीद शाह अब्दुल लतीफ शाह, मुकीम शाह का आस्ताना, नौ गज पीर, नसीराबाद दादा मियां की मजार, कोतवाली स्थित शहीद सरदार अली की मजार पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए.

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