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गोरखपुर-बस्ती मण्डल की 41 सीटों पर सपा-बसपा-भाजपा से सिर्फ पांच महिलाएं ही मैदान में

-सपा-बसपा ने दो-दो तो भाजपा का एक महिला प्रत्याशी पर एेतबार
-कांग्रेस ने पनियरा पर उतारा महिला प्रत्याशी, घोषणा बाकी
-उप्र विधानसभा चुनाव 2017

गोरखपुर, 29 जनवरी। उप्र विधानसभा चुनाव में पिछले चुनाव की तरह इस बार भी महिलाओं को टिकट देने में अनदेखी की गयी ।

बसपा से सीएम उम्मीदवार सुश्री मायावती हैं। उन्होंने गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 सीटों पर दो महिला प्रत्याशी ही दिए हैं। पार्टी ने तो पहले सिर्फ एक ही महिला उम्मीदवार डुमरियागंज विस से सैय्यदा खातून को टिकट दिया था लेकिन कैंपियरगंज विस में स्थिति ऐसी बनी की प्रत्याशी आनंद निषाद की जगह उनकी पत्नी अर्चना निषाद को टिकट देना पड़ा।

भाजपा की बात करें तो भाजपा ने दोनों मंडलों की 41 में से 39 सीटों पर प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं। चौरी-चौरा विस से केवल एक मात्र संगीता यादव को ही टिकट मिला हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बची दो सीटों (शोहरतगढ़ व रामकोला) पर भाजपा ने अपना दल को शोहरतगढ़ सीट दे दी हैं जिस पर चौधरी अमर सिंह का टिकट लगभग फाइनल हो चुका हैं। कुशीनगर की बची एक सीट रामकोला पर निर्णय बाकी हैं।

सपा ने 41 सीटों में से 29 सीटों पर टिकट फाइनल कर दिए हैं। रामपुर कारखाना से गजाला लारी व बांसगांव (सु) से शारदा देवी को टिकट दिया गया हैं। पिपराइच विधायिका राजमति व शोहरतगढ़ विधायिका लालमुन्नी ने अपनी विरासत पुत्रों को सौंप दी हैं। सपा ने चूंकि कांग्रेस से गठबंधन किया हैं तो बाकी बची 12 सीटों में कांग्रेस का भी हिस्सा हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पनियरा पर तलत अजीज, महराजगंज (सु) से आलोक प्रसाद, तमकुहीराज से अजय कुमार लल्लू व रुद्रपुर से अखिलेश प्रताप सिंह का टिकट फाइनल हैं। पडरौना सीट भी कांग्रेस की झोली में जायेगी। यानि 12 में से सिर्फ 7 सीट पर फैसला बाकी हैं। जिसमें कैंपिरगंज, गोरखपुर शहर, खजनी (सु), डुमरियागंज, कप्तानगंज, बरहज, खलीलाबाद की सीट बची हैं।
कैंपियरगंज पर सपा की चिंता यादव की दावेदारी मजबूत हैं, वहीं खजनीं (सु) से सपा ने पहले रुपावती बेलदार को उतारा था। देखना होगा सपा दोनों सीटों पर महिलाओं को मौका देती हैं कि नहीं। वहीं सपा से गठबंधन के बाद कांग्रेस के हिस्से में ज्यादा सीट तो नहीं आ रही हैं। कांग्रेस से पनियरा सीट पर तलत अजीज लड़ेगीं। यानी इस बार भी दोनों मंडलों में महिलाओं के हिस्से में सिर्फ गिनती की सीटें आयीं हैं। एक बार फिर महिलाओं को जबरदस्त नजरअंदाज किया गया हैं।जबकि मतदाता बनने में महिलाओं का प्रतिशत बढ़ा हैं।

दोनों मंडलों में सात जिले हैं। 41 विधानसभा क्षेत्र हैं। वर्ष 2012 के चुनाव में 41 सीटों से 57 ने जोर-आजमाईश की लेकिन केवल तीन ही विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुई। जीतने वाली सभी सपाई थी। वर्ष 2007 के विस चुनाव में तो केवल एकमात्र सलेमपुर से गजाला लारी ही विधानसभा पहुंची थी।

पिछले विस चुनाव में सपा ने 6, भाजपा ने 5, बसपा ने 3, कांग्रेस ने 6 प्रत्याशी खड़े किए थे। इसके अलावा निर्दल तौर पर 21 व छोटे दलों ने 16 महिला प्रत्याशी उतारें थे लेकिन सभी को करारी हार का सामना करना पड़ा। बांसगांव (सु)में तो तीन महिलाओं की कड़ी टक्कर में बसपा के विजय कुमार बाजी जीत गए थे। यहां पर महिलाओं की फाइट दिलचस्प होती हैं। कुछ इसी तरह की स्थिति हरैया, शोहरतगढ़ सीट पर भी नजर आती हैं।पिछले विस चुनाव में भाजपा ने हरैया से अनुराधा चौधरी, महादेवा (सु) से वीना राय , बांसगांव (सु) से सुभावती पासवान, शोहरतगढ़ से साधना चौधरी, सलेमपुर से विजय लक्ष्मी को चुनाव लड़ाया था लेकिन सभी हार गयी। बसपा ने पिछले बार भी डुमरियागंज, हरैया व बरहज में ही महिला प्रत्याशी उतारे गए थे। जिन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वहीं कांग्रेस ने पिछले विस चुनाव में धनघटा, पनियरा, बांसगांव, फाजिलनगर, भाटपार रानी, गोरखपुर ग्रामीण से महिला प्रत्यीशियों को टिकट दिया था लेकिन कोई भी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा था।
पिछले विस चुनाव में संपूर्ण उप्र से 583 महिला प्रत्याशी मैदान में थी। लेकिन जीत 35 ने हासिल की। सबसे ज्यादा महिला प्रत्याशी 20 सपा से जीतीं। बीजेपी से 7, काग्रेस से 3, बसपा से 3, अपना दल व निर्दलीय 1-1 कामयाब हुई। वहीं वर्ष 2002 के विस चुनाव में 26 व 2007 में 23 महिला प्रत्याशी विधानसभा पहुंची थी।

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