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वर्ष 2017 में बीआरडी मेडिकल कालेज में 3239 बच्चों की मौत

गोरखपुर, 24 जनवरी। बीआरडी मेडिकल कालेज में वर्ष 2017 में कुल 3239 बच्चों की मौत हुई है। इसमें इंसेफेलाइटिस (जेई/एईइस) रोगियों के अलावा नवजात शिशु व दूसरे रोगों से पीड़ित बच्चे शामिल हैं। पिछले तीन वर्षों के मुकाबले वर्ष 2017 में बच्चों की मौत सर्वाधिक है।

यह जानकारी बीआरडी मेडिकल कालेज के सूत्रों से मिली है। बीआरडी कालेज के प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

बीआरडी मेडिकल कालेज में बच्चों की मौत

year NICU PICU TOTAL
2014 603 1131 1734
2015 935 1271 2206
2016 1513 1475 2988
2017 2032 1207 3239

जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में बीआरडी मेडिकल कालेज के नेहरू अस्पताल के एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट ) में 2032 शिशुओं की मौत हुई। एनआईसीयू में 28 दिन तक के बच्चे भर्ती होते हैँ। अधिकतर बच्चों की मौत बेहद कम वजन, संक्रमण और सांस सम्बन्धी समस्या के कारण हुईँ।

नेहरू चिकत्सालय के पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) में 1207 बच्चों की मौत हुई। इसमें 510 इंसेफेलाइटिस रोगी थे। शेष अन्य बीमारियों से ग्रस्त थे। वर्ष 2017 में जापानी इंसेफेलाइटिस के केस भी बढ़ गए हैं। रूटीन टीकाकारण के अलावा वर्ष 2017 में 92 लाख बच्चों को एक विशेष अभियान के तहत टीका लगाया था। इसके बावजूद जापानी इंसेफेलाइटिस के केस बढने पर सवाल उठ रहे हैं। वर्ष 2017 में इंसेफेलाइटिस से मृत्यू दर में जरूर कमी आई है।

बीआरडी मेडिकल कालेज में 10 वर्षों में इंसेफेलाइटिस से मौतें

Year aes case aes death je+case death% je+%
2008 2194 458 176 20.88 8.02
2009 2663 525 375 19.71 14.08
2010 3303 514 417 15.56 12.62
2011 3308 636 210 19.23 6.35
2012 2517 531 133 21.09 5.28
2013 2111 616 154 27.88 7.30
2014 2209 622 101 28.15 4.57
2015 1761 446 129 25.33 7.33
2016 1965 514 165 26.16 8.91
2017 2250 510 298 22.66 13.24

बीआरडी मेडिकल कालेज में गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों के अलावा बिहार के गोपालगंज, सीवान, पशिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण के भी बच्चे इलाज के लिए आते हैँ। कुछ मरीज नेपाल से भी आते हैँ।

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