उर्स-ए-पाक में पढ़ी गई संविधान की प्रस्तावना

गोरखपुर। तुर्कमानपुर स्थित दरगाह पर हजरत इमदाद शाह रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स-ए-पाक बुधवार को अकीदत के साथ मनाया गया। कुल शरीफ की रस्म अदा की गई।

उर्स-ए-पाक के मौके पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई। सीएए, एनआरसी व एनपीआर के विरोध में जगह-जगह हो रहे ऐतिहासिक शाहीन बाग़ आंदोलन की कामयाबी और सीएए, एनआरसी व एनपीआर वापस लिए जाने की दुआएं मांगी गई। मुल्क में अमनो सलामती, भाईचारगी व तरक्की की भी दुआ की गई।

इस मौके पर बच्चों के बीच नातिया मुकाबला हुआ। जिसमें मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार, मदरसा रज़विया मेराजुल उलूम चिलमापुर, मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर व मदरसा फ़ैजाने मुबारक खां शहीद नार्मल के बच्चों ने रसूल-ए-पाक की शान में शानदार नात-ए-पाक पढ़ी। नातिया मुकाबले के विजेता बच्चों को उलेमा-ए-किराम ने पुरस्कृत किया। इसके बाद जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी हुआ। जिसमें मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी व मौलाना मो. असलम रज़वी ने अल्लाह तआला, रसूल-ए-पाक हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम, सहाबा-ए-किराम, अहले बैत व औलिया-ए-किराम की शान में तकरीर की। अंत में दरुदो सलाम पढ़कर जलसा समाप्त हुआ। अकीदतमंदों ने चादर पेश की। शीरीनी व लंगर बांटा गया।

उर्स में मो. इस्लाम उर्फ बाबूल, अबरार अहमद, मनोव्वर अहमद, अलाउद्दीन निज़ामी, समीर, रमज़ान अली, मौलाना मकसूद आलम, हाफिज अजीम यारलवी, मो. अब्दुस्समद, इमादुद्दीन, शाह फैसल, एडवोकेट तौहीद अहमद, एडवोकेट शुएब अहमद, हाजी नबी अहमद, मुंशी रजा, मो. कलीम अशरफ खान, शहबाज खान सहित तमाम लोग मौजूद रहे।