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कर्मचारियों का पीएफ ही नहीं किसानों का भी 32 करोड़ रूपया दबाए बैठी है जेएचवी सुगर मिल

चीनी मिल पर कर्मचारियों के पीएफ का दो करोड़ रूपया बकाया
पीएफ के एरियर का भुगतान न होने पर 60 हजार बोरा चीनी जब्त किया गया है
मिल मालिक सहित चार के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज
महराजगंज, 15 जनवरी। कर्मचारियों के पीएफ का दो करोड़ रूपया वर्षों से दबाए बैठी जेएचवी गड़ौरा चीनी मिल दो वर्षों से किसानों का भी 32 करोड़ रूपए का भुगतान नहीं कर रही है। किसानों के बकाए गन्ना मूल्य की वसूली के लिए आरसी भी जारी हुई है और चीनी मिल की जमीनों की नीलामी की भी प्रक्रिया शुरू की गई है लेकिन उसकी रफ्तार बहुत सुस्त है।
जेएचवी चीनी मिल गड़ौरा गोरखपुर-बस्ती मंडल में सर्वाधिक गन्ना मूल्य बकाया रखने वाली चीनी मिल है। इस चीनी मिल पर वर्ष 2014-15 का 29.91 करोड़ तो वर्ष 2015-16 का 2.89 करोड़ बकाया है। इस तरह दोनों वर्षों का कुल बकाया गन्ना मूल्य 32.80 करोड़ रूपया है। यही नहीं चीनी मिल ने कर्मचारियों के पीएफ का करीब एक करोड़ रूपया वर्षो से दबाया हुआ है। इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय कर्मचारी भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय ने ठूठीबारी कोतवाली में चीनी मिल के मालिक जवाहर जायसवाल, प्रबंध तंत्र से जुड़े गौरव जायसवाल, अशोक पाठक और यतीन्द्र पांडेय के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 24 2017 के तहत 418, 420, 332 आईपीसी और 110 सीआरपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराया है और पीएफ की रकम की वसूली के लिए चीनी मिल का 60 हजार बोरा चीनी जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई 12 जनवरी को की गई।
पीएफ आयुक्त वीवीवी सिंह के अनुसार चीनी मिल प्रबंध तंत्र ने अप्रैल 2013 से मार्च 2015 तक पीएफ का करीब दो करोड़ रूपया नहीं दिया है। इसमें से पीएफ के एरियर के रूप में एक करोड़ 26 लाख 32 हजार 426 रूपए के भुगतान के लिए चीनी मिल को कई बार नोटिस दी गई लेकिन चीनी मिल ने भुगतान नहीं किया। इस कारण यह कार्रवाई की गई है।

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