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टीवीएस कम्पनी से एजेंसी को आए थे भाजपा के लिए बाइक डिलीवरी करने का निर्देश

196 बाइक की डिलीवरी दी गई, 52 और बाइक की एक-दो दिन में दिए जाएंगे
भाजपा के क्षेत्रीय कार्यालय के नाम पर पंजीकरण और इन्श्योरेंस बनवाने को कहा गया था

गोरखपुर, 14 दिसम्बर। नोटबंदी की घोषणा के बाद भाजपा के गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालय के नाम खरीदी गई 248 टीवीएस स्पोर्ट बाइक के पर्चेज आर्डर सीधे कम्पनी से गोरखपुर स्थित वितरक के पास आए थे। यह आर्डर 24 नवम्बर को गोरखपुर के बशारतपुर स्थित टीवीएस बाइक की एजेंसी गोरखपुर मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड को कम्पनी की ओर से दिए गए। कम्पनी की ओर से ही ईमेल भेज कर बताया गया कि बाइक की डिलीवरी कहा करनी है।
नोटबंदी के पहले बिहार में भाजपा द्वारा बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद के बाद यूपी में नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में भाजपा द्वारा मोटरसाइकिलों की खरीद काफी चर्चा का विषय बन गई है।

गोरखपुर न्यूज लाइन को इस मामले में छानबीन से मिली जानकारी के अनुसार टीवीएस कम्पनी ने गोरखपुर के बशारतपुर स्थित अपनी एजेंसी गोरखपुर मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड को टीवीएस स्पोर्ट माडल की बाइक रजिस्टेशन और बीमा के साथ भाजपा के बेनीगंज स्थित भाजपा कार्यालय के नाम पंजीकृत कर डिलीवरी करने का निर्देश दिया था। निर्देश में जंगल चैरी स्थित एक प्लाट पर बाइक की डिलीवरी देने को कहा गया था।
मिली जानकारी के अनुसार 24 नवम्बर से अब तक कई किश्तों में 196 बाइक रजिस्ट्रªेशन व इन्श्योरेंस के साथ दिए जा चुके हैं। आज और कल में 52 और बाइक के पंजीकरण का कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद ये बाइक भी जंगल चैरी स्थित प्लाट पर पहुंचा दिए जाएंगे।
इस तथ्य के सामने आने से पता चलता है कि भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से सीधे टीवीएस कम्पनी से बाइक खरीदने का सौदा किया गया है। यह खरीदारी गोरखपुर के अलावा अन्य स्थानों पर भी हो सकती है।
गोरखपुर स्थित टीवीएस एजेंसी को फिलहाल 248 बाइक ही दिए जाने का आर्डर है।
कम्पनी के एक अधिकारी ने बताया कि भाजपा को दी गई सभी बाइक सफेद रंग की है। भाजपा के चुनाव चिन्ह लगाने का कार्य कम्पनी की ओर से नहीं किया गया है। यह कार्य भाजपा ने ही कराया है। अधिकारी ने बताया कि रजिस्ट्रेशन , इन्श्योरेंस  सहित एक बाइक का दाम 42 हजार रूपए आया है। एजेन्सी द्वारा भाजपा को दी गई बाइकों का भुगतान कौन करेगा, कैसे करेगा, यह अभी तक नहीं स्पष्ट नहीं है। कम्पनी के अधिकारी ने बताया कि हो सकता है टीवीएस कम्पनी को भाजपा से भुगतान मिल गया हो और कम्पनी से हमें भुगतान दिया जाए। हमें इसकी चिंता नहीं है क्योंकि कम्पनी ने जिसे बाइक देने को कहा हमने उसे बाइक दे दिया।