जनपद

फसल बचाने के लिए अब वनरोज एवं जंगली सूअरों को मार सकेंगे किसान

गोरखपुर 17 नवम्बर । वनरोज एवं जंगली सूअर के आतंक से किसानों की फसल बचाने के लिए प्रदेश शासन ने इन्हें मारने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। अधिकारियों की अनुमति के बाद फसलों को नुकसान पहुंचा रहे वनरोज एवं जंगली सूअर का मारा जा सकेगा.

इसके लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रभागीय वनाधिकारी, कृषि अधिकारी, उद्यान अधिकारी एवं पशुपालन अधिकारी के सदस्यों वाली समिति भी गठित किया है। जिलाधिकारी ने समिति की बैठक करके निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के अन्दर फसलों के लिए हानिकारक वनरोज एंव जंगली सुअर की सूचना प्रस्तुत करें।
उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय समिति शासनादेश के अनुसार रायफल या 12 बोर की बन्दूक के साथ एलजी कार्टरेज युक्त लाइसेंसधारी जो आतंकी वनरोज एवं जंगली सूअर मारने के इच्छुक है, का पैनल तैयार करेंगी। समिति प्रत्येक ब्लाक में फसलों के नुकसान का आकलन करेगी। समिति वनरोज एंव जंगली सुअर मारने की त्रैमासिक समीक्षा भी करेगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि वनरोज या जंगली सुअर को किसी भी दशा में अन्य विधि से नष्ट नही किया जायेगा। रायफल या 12 बोर रायफल का ही प्रयोग किया जायेगा ताकि वह घायल न होकर तत्काल मर जाये। मारने के बाद उसे जमीन में गाड़ा जायेगा। मारे गये वनरोज एंव जंगली सुअर के किसी अंग या अंश को प्रयोग में नही लाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि वनरोज एंव जंगली सुअर से परेशान किसान अपने ब्लाक के सहायक विकास अधिकारी कृषि को प्रार्थना पत्र देंगे। उन्होंने बताया कि वनरोज एंव जंगली सुअरों को नष्ट करने के लिए सभी उप जिलाधिकारी, बीडीओ, वन विभाग क्षेत्रीय वन अधिकारी एंव सभी तहसीलदार अनुमति देने के लिए अधिकृत हैं।
उन्होंने बताया कि वन विभाग इसके लिए एक रजिस्टर बनायेगा जिसमें परमिट का विवरण होगा तथा निस्तारण की कार्यवाही दर्ज होगी। यदि कोई व्यक्ति जिसके पास वैध लाइसेंस है और स्वंय आखेट हेतु परमिट लेना चाहता है, उसे नियमानुसार परमिट दिया जायेगा।
जिलाधिकारी राजीव रौतेला ने कहा कि वनरोज गाय प्रजाति का नही है। वास्तविकता यह है कि यह एक एण्टीलोप प्रजाति का जानवर है। लोगों से इस भ्रांति को दूर करने की अपील भी किया है। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिया है कि लोगों में इस भ्रंाति को दूर करने का जागरूकता अभियान संचालित करें, आवश्यक प्रचार प्रसार कराये तथा होर्डिंग, बैनर लगाये, इससे वनरोज को नियन्त्रित करने में आसानी होगी।

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