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बूचड़खानों पर सरकार का एक्शन , पुलिस ने लाइसेंस सर्च आपरेशन चलाया

शहर में 150 दुकानें हैं गोश्त बिक्री की 
-लाइसेंस धारको का नवीनीकरण 2002 से हैं बंद
सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर, 20 मार्च । प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही एक्शन में आ गयी हैं। अपने घोषणा पत्र के मुताबिक बूचड़खानों पर पाबंदी लगाने की मंशा स्पष्ट हैं। सोमवार को शहर के कोतवाली, तिवारीपुर, गोरखनाथ और राजघाट थाना क्षेत्रों में चलने वाली गोश्त की दुकानों पर पुलिस ने लाइसेंस सर्च आपरेशन चलाया।
अस्करगंज, जाफराबाजार, तुर्कमानपुर, गोरखनाथ मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में चलने वाली इन दुकानों पर भैंस के मीट का कारोबार होता है। हालांकि इन दुकानदारों का कहना है कि उनके पास लाइसेंस है लेकिन उसका नवीनीकरण 2002 से नहीं हुआ है। अभी तो केवल लाइसेंस जांच चल रही हैं।

शहर में करीब 150 दुकानें हैं । इस तरह देखा जायें तो किसी दुकानदार के पास नवीनीकृत लाइसेंस नहीं हैं। अगर शासन इन दुकानों को बंद करती हैं तो सैकड़ों मुस्लिम परिवारों पर सीधे इसका असर पड़ेगा। होटल व्यवसाय पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ेगा।
कोतवाली और राजघाट थाना प्रभारियों ने बताया कि केवल लाइसेंस चेक किया जा रहा हैं।
बूचड़खानें महानगर के 5-6 स्थानों पर है जहां से गोश्त लाकर 150 दुकानों से बेचा जाता हैं। जहां तक लाइसेंस का सवाल हैं तो लाइसेंस सभी दुकानदारों के पास है लेकिन बीते करीब 15 वर्षो से किसी के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं हुआ है। नवीनीकरण न होने की बड़ी वजह हुमांयूपुर स्थिति स्लाटर हाउस का बंद होना हैं। करीब 15 वर्ष पूर्व स्लाटर हाउस बंद कर भटहट शिफ्ट कर दिया गया। तभी से गोश्त व्यवसायियों ने अपने रिहाईशगाहों पर गोश्त काटना व बेचना शुरु कर दिया। करीब 15 सालों से कारोबार में किसी तरह की कोई दुश्वारी नहीं आयीं। लेकिन भाजपा की प्रदेश सरकार आते हैं बूचड़खानों व इन दुकानों पर हड़कम्प मचा हुआ हैं।

शासन के निर्देश पर के लाइसेंस का वेरिफिकेशन कर उसकी सूची तैयार की जा रही है। जो शासन को भेजी जायेगी। मालूम हो कि बूचड़खानों के लाइसेंस नवीनीकरण न होने तथा कारोबार चलते रहने की दिशा में अवैध बूचड़खानों की श्रेणी में आ सकता है। लाइसेंसियों की सूची तैयार कर शासन को भेजेगी जहां से अन्तिम निर्णय निर्गत होगा।

सिर्फ लाइसेंस की हो रही जांच: एसपी सिटी
एसपी सिटी हेमराज मीणा ने बताया कि अभी सिर्फ लाइसेंसों की जांच प्रक्रिया चल रही है । जिसकी सूची तैयार कर शासन को भेजी जायेगी। आगे जो दिशा निर्देश मिलेगी उस पर त्वरित कार्यवाही होगी।

करीब मुस्लिम होटलों पर पड़ेगा बुरा प्रभाव, 5 हजार लोग हो सकते बेरोजगार
महानगर की बात करें तो बूचड़खानों से निकले गोश्त के जरिए लगभग 50 होटल महानगर में चलते हैं। इस व्यवसाय से करीब 5 हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है। अगर बूचड़खानों पर पाबंदी लगायी गयी गयी तो रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो सकता हैं। मुस्लिमों की बड़ी आबादी की निर्भरता गोश्त पर ही हैं। ऐसे में सरकार का यह कदम मुहं से निवाला छीनने वाला साबित होगा।

बिक्री दुकानों पर पशु काटने का नहीं मिलता लाइसेंस: डीओ
रसद विभाग खाद्य एवं औषधीय विभाग के जिला अभिहीत अधिकारी अजीत कुमार राय ने कहा कि गोश्त बिक्री वाली दुकानों को वध लाइसेंस नहीं मिलता। वध लाइसेंस सिर्फ स्लाटर हाउस होने पर पूरी जांच प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही मिलता है। उन्होंने कहा कि गोश्त कि बिक्री की दुकानें है और लाइसेंसी है तो वह बेच सकतेे पर काट नहीं सकते। उन्होंने कहा कि लाइसेंस अभी तक नवीनीकरण नहीं हो पाया हैं उसमें स्लाटर हाउस बंद रहना कारण रहा होगा।
वहीं मेयर सत्या पांडेय ने कहा कि वर्ष 2002 से लाइसेंस देने का अधिकार नगर निगम के पास नहीं हैं।⁠⁠⁠⁠

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