समाचार

रोहित वेमुला की शहादत बेकार नहीं जाएगी, नया भारत बनाने का संघर्ष तेज होगा

रोहित वेमुला की शहादत की पहली बरसी पर इंकलाबी नौजवान सभा और शहीद भगत सिंह अम्बेडकर मंच ने संकल्प सभा का आयोजन किया
गोरखपुर, 17 जनवरी। रोहित वेमुला की शहादत की पहली बरसी पर आज इंकलाबी नौजवान सभा और शहीद भगत सिंह अम्बेडकर मंच ने प्रेस क्लब सभागार में संकल्प सभा का आयोजन किया। सभा में वक्ताओं ने अम्बेडकर और भगत सिंह के विचारों के अनुरूप नए भारत बनाने की लड़ाई को तेज करने और प्रतिगामी ताकतों को निर्णायक शिकस्त देने का संकल्प लिया।
संकल्प सभा को सम्बोधित करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर चन्द्रभूषण अंकुर ने यूरोप के पुनर्जागरण, धर्म सुधार आंदोलन और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की चर्चा करते हुए कहा कि बड़े सामाजिक बदलाव की लड़ाई लम्बी होती है। इस समय देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े सामाजिक बदलाव का आंदोलन चल रहा जिसने दलित और पिछड़े वर्ग को चेतनशील बनाया है। इस आंदोलन को और तेज करने में हमें अपनी भागीदारी बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि आज उच्च शैक्षिक संस्थानांे से लेकर सरकारी विभागों तक आरक्षण की व्यवस्था को खत्म करने की साजिश हो रही है। आज हमें संघर्षों से हासिल उपलब्धियों को बचाने के साथ-साथ अपने हक को सम्पूर्णता में हासिल करने के लिए आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि नायकों को हड़पने का प्रयास करने वाले मुंह की खाएंगे क्योंकि झूठ बोलकर और नाटक कर जनता को गुमराह नहीं कर सकेंगे। वरिष्ठ कथाकार मदन मोहन ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था सवाल उठाने वाली हर आवाज का हश्र रोहित वेमुला जैसा करना चाहती है। संस्कृति, राष्ट्रवाद, देशप्रेम के नाम पर आज जो कुछ हो रहा है, वह ब्राह्मणवादी पाखण्ड ही है जिसे हमें भेदना है जो कि क्रांतिकारी बदलाव के लिए लड़ने वाली ताकतों की एकता से ही संभव होगा।
597a18a0-f1b4-48e7-8ce8-7df9011e9bac
बुद्धिस्ट सोसाइटी आफ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामआसरे बौद्ध ने कहा कि प्रधानमंत्री डा. अम्बेडकर के प्रति नकली भक्ती दिखा रहे हैं। यदि उनमें हिम्मत है तो अम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाओं को पढ़े और उसे अपनाएं। इंकलाबी नौजवान सभा के अध्यक्ष राकेश सिंह ने रोहित वेमुला की शहादत से लेकर उना में दलितों पर हुए अत्याचार व यूपी में दलितों पर हो रहे हमले की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात के दलित आंदोलन ने एक दिशा दी है जिसे हमें गुजरात से आगे ले जाना होगा।
पूर्वांचल सेना के धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि आज की हुकूमत नौजवानों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। इतिहास गवाह है कि नौजवानों की आवाज दबाने वाली हुकूमतों का हश्र क्या हुआ है। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय के ला विभाग में बड़ी संख्या में दलित-पिछड़े वर्गों को फेल करने का सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा जातिवादी भावना से ग्रस्त होकर किया गया है। विश्वविद्यालय के शोध छात्र हितेश सिंह ने कहा कि नफरत को जब संगठित ताकतें अंजाम देने लगती है तो स्थिति विकट हो जाती है। आरएसएस-भाजपा यही कार्य कर रहे हैं। उन्होंने जेआरएफ की संख्या आठ हजार से घटाकर तीन हजार किए जाने सहित छात्र हित के विरूद्ध मोदी सरकार के कई निर्णयों पर सवाल उठाए।
भाकपा माले के सचिव राजेश साहनी ने कहा कि मोदी सरकार एक साथ नौजवानों, किसानों, मजदूरों और गरीबों के हितों पर हमला बोल रही है। इसके खिलाफ चैतरफा संघर्ष करना होगा। शिक्षक एवं जन संस्कृति मंच के सचिव आनन्द पांडेय ने कहा कि रोहित वेमुला जातीय भेदभाव के साथ-साथ दंगों और याकूब मेमन को फंासी पर सवाल उठा रहे थे। इसलिए दक्षिणपंथी ताकतों को उनकी आवाज पंसद नहीं आई और उसे दबाने के लिए उन्होंने हर तरह की साजिश की। पत्रकार मनोज सिंह ने रोहित वेमुला का आखिरी पत्र पढ़ते हुए कहा कि आज हमें उनकी पहली बरसी पर यह संकल्प लेना होगा कि हम ऐसा भारत बनाएंगे जिसमें किसी रोहित वेमुला को आखिरी पत्र लिखना न पड़े बल्कि वह अपने सपने को साकार कर सके। भगत सिंह अम्बेडकर मंच के अध्यक्ष श्रवण कुमार ने कहा कि जाति के उन्मूलन के संघर्ष को तेज करना सही मायनों में रोहित वेमुला को याद करना है। शिक्षक अवधेश कुमार ने ब्राह्मणवाद पर लगातार चोट करने की बात कही तो कवि सुरेश चन्द ने रोहित वेमुला पर लिखी कविता का पाठ किया। संदीप राय ने कहा कि रोहित वेमुला की आत्महत्या प्रत्येक इंसाफ पंसद व्यक्ति को उद्वेलित करती है।
संकल्प सभा का संचालन इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सचिव सुजीत श्रीवास्तव ने किया। सभा में श्रीराम, जंगी, भानू, सुभाष पाल एडवोकेट, जगदम्बा, विनोद भारद्वाज, बजरंगी निषाद, मनोज मिश्र, चतुरानन ओझा, धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, राधा आदि उपस्थिति थे।

Related posts