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हजारों एकड़ बेनामी जमीन छिपाई गई है भमौरी जैसे दर्जनों फार्म हाउस में

निचलौल (महराजगंज), 24 दिसम्बर। तहसील क्षेत्र के दर्जनों फार्म हाउसों में अभी भी दबी पडी हजारों एकड़ भूमि कभी भी किसी बडी वारदात का कारण बन सकती है। क्षेत्र में एक दो नहीं बल्कि दर्जन भर ऐसे फार्म हाउस है जिनकी चौहद्दी सैकडों एकड़ में है। इन फार्म हाउसों की बेनामी सम्पत्तियों को लेकर अक्सर तलवारें खिचती रहती है। ऐसा ही एक मामला इन दिनों भमौरी फार्म का सुर्खियों में है जहां 450 एकड भूमि को एसडीएम ने जब्त करने का आदेश देकर बेनामी सम्पतियों के कथित मालिकानों के कान खड़े कर दिये हैं।

प्राकृतिक सम्पदा से भरा पुरा यह क्षेत्र कभी जंगल पार्टी के दस्यु सरगनाओं को लेकर सुर्खियों में रहा है तो इन दिनों बेनामी सम्पतियों वाले बडे बडे फार्म हाउसों को लेकर चर्चा में है। जमींदारी विनाश उन्मूलन के बाद भी यहां कागजों में हेरा फेरी कर फार्म हाउसों में छिपाये गये सैकडों एकड़ की बेनामी सम्पतियों पर शायद कभी सीलिंग के चाबूक चले ही नहीं। जब किसी ने इसको लेकर आवाज उठाई तो उसकी आवाज बंद करा दी गई।

अब जब फार्म हाउसों के कथित वारिसों में सम्पत्ति बँटवारे को लेकर तनातनी शुरु हुई तो अफसर भी हरकत में आ गये और आनन फानन में भमौरी की चर्चित 450 एकड की फार्म हाउस को धारा 145 के तहत एसडीएम ने जब्त कर नायब तहसीलदार को नया सहानेदार नियुक्त कर दिया। एसडीएम ने अपने आदेश में यह उल्लेख भी किया है कि भमौरी के खाता संख्या चार में 45 खातेदारों के नाम है लेकिन हिस्सेदारी स्पष्ट नही। ये तो महज एक फार्म हाउस की कहानी है तहसील क्षेत्र में ऐसे दर्जनों फार्म हाउस है जहां एक खाते में चार चार दर्जन खातेदारों के नाम दर्ज है। यही नही इन खातेदारों का पता भी स्पष्ट नही है। शहर बम्बई से लेकर कलकत्ता और बंगलुरु तक के लोगों के नाम यहां के अभिलेखों में दर्ज है लेकिन लोगों की माने तो ये महज नाम हैं। इन नामों के आधार पर ही ये फार्म हाउस आबाद हैं जहां पर कुछ लोग कब्जा कर दशकों से मलाई काट रहे है।