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सपा के लिए गोरखपुर देहात सीट पर उम्मीदवार खड़ा करना टेढ़ी खीर

गोरखपुर जिले की सात सीटों पर उम्मीदवार तय पर गोरखपुर देहात व पिपराईच पर असमंजस

सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर, 23 अप्रैल । उप्र विधानसभा चुनाव के पेशे नजर सियासी जमातों की सरगर्मियां तेज है। समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर जिला की सात विधानसभा सीटों पर पुराने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। जहां उन उम्मीदवारों की जानिब से चुनावी अभियान शुरू कर दिया गया है। वहीं गोरखपुर देहात और पिपराईच विधानसभा सीटों से अब तक कोई उम्मीदवार खड़ा ना करना तमाम तरह की चर्चाओं को हवा दे रहा है।
सपा ने गोरखपुर शहर  से संजय सिंह, सहजनवां से यशपाल रावत, चिल्लूपार से राजेन्द्र सिंह पहलवान, कैम्पियरगंज से चिंता यादव, चौरीचौरा से केशव यादव, बांसगांव से संजय पहलवान और खजनी से जोखू पासवान को उम्मीदवार बनाया है।
पिछले चुनाव में सपा की इन सीटों पर कोई खास अच्छी स्थिति नहीं रही। गोरखपुर शहर से समाजवादी पार्टी से राजकुमारी देवी ने 33694 वोट हासिल कर दूसरा स्थान पाया। सहजनवां से सपा के सन्नी यादव चौथे स्थान पर रहे। इस बार चुनाव लड़ रहे यशपाल रावत ने निर्दल चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहे। चिल्लूपार की बात करें तो सपा ने सीपी चंद को टिकट दिया जो दूसरे स्थान पर रहे। कैम्यिरगंज से सपा ने चिंता यादव को खड़ा किया जो 62948 वोट प्राप्त कर  दूसरे स्थान पर रही। सपा ने इन पर फिर भरोसा जताया। चौरीचौरा की बात करें तो सपा ने अनूप पांडेय पर भरोसा जताया था लेकिन वह उम्मीद पर खरे नहीं उतर सकें। वह बड़े अंतर से हारे। बांसगावं में भी सपा की कुछ स्थिति ऐसी रही। वहीं पिपराईच पर सपा का कब्जा रहा । खजनी की बात करें तो सपा ने दरशरथ पर भरोसा जताया था जिन्हें 30153 वोट मिलें और वह तीसरे स्थान पर रहे।

पिपराईच सीट से समाजवादी पार्टी की राजमती निषाद विधायक हैं लिहाजा उनको या उनके पुत्र अमरेन्द्र निषाद को टिकट मिलना तय माना जा रहा है। लेकिन यहां दावेदार कम नहीं है।
देखना  दिलचस्प होगा की सपा गोरखपुर देहात से किसे टिकट देती है। यहां एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति है। पिछले विधान सभा चुनाव की बात करें तो यहां से भाजपा के विजय बहादुर यादव ने 58849 वोट हासिल कर सपा के जफर अमीन डक्कू को करीब 16 हजार वोटों से हराया था। तीसरे स्थान पर बसपा के राम भुआल निषाद 41338 और चौथे स्थान पर कांग्रेस की काजल निषाद को 17636 वोट मिले थे। पीस पार्टी ने भी यहां से करीब 6000 से अधिक वोट हासिल किया था। निषाद व मुस्लिम वोटों के बट जाने की वजह से भाजपा को जीत हासिल करने में दिक्कत नहीं हुई। अगर यहां वोट की बात करें तो यहां चार लाख मतदाता है जिसमें करीब 1 लाख मुस्लिम मतदाता है तो वहीं निषाद मतदाता 50 हजार से अधिक है। यादवों की तादाद भी 20 हजार से ज्यादा है। ऐसे में यहां जाति समीकरण अहम भूमिका रखता है। 2007 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा के विजय बहादुर यादव चुनाव जीते थे वहीं सपा से कमलेश पासवान दूसरी जगह पर थे।
फिलहाल हालात बदल चुके है वर्तमान विधायक विजय बहादुर की भाजपा से दूरियां है। वहीं बसपा से रामभुआल निषाद को निकाल दिया गया है।

वर्तमान विधायक विजय बहादुर यहां से सपा से टिकट चाहते है। इसके अलावा जिलाध्यक्ष डा. मोहसिन खान, जफर अमीन डक्कू, जियाउल इस्लाम, बसपा से निष्कासित रामभुआल निषाद (इनको भाजपा के मंच पर कलराज मिश्र के साथ देखा जा चुका है, कांग्रेस से भी टिकट के ख्वाहिशमंद है), भानु प्रकाश वगैरह भी दावेदारी पेश कर रहे है।

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