लोकरंगसाहित्य - संस्कृति

लोकरंग -2024 में आएंगे भोजपुरी पॉप रैपर रग्गा मेन्नो, असम, सिक्किम और राजस्थान के लोक कलाकार

कुशीनगर। लोक संस्कृति के संवर्द्धन के लिए 2008 से जोगिया जनूबी पट्टी गाँव में आयोजित हो रहा लोकरंग इस वर्ष 14-15 अप्रैल को आयोजित हो रहा है। लोकरंग -2024 में नीदरलैंड से राजमोहन के अलावा भोजपुरी पॉप रैपर रग्गा मेन्नो, सोन्दर हीरा, वरुण नन्दा और किशन हीरा की प्रस्तुतियां पहली बार देखने को मिलेंगी। वरुण नन्दा, सुप्रसिद्ध सूरनामी ढोलक वादक हैं जबकि सोन्दर हीरा ने पूर्वांचल के लवंडा और अहीरवा नाच को सात समंदर पार जिंदा रखा हुआ है, जो गिरमिटिया मजदूरों के साथ दो सदी पूर्व सूरीनाम जा पहुंचा था।

इसके अलावा कुशीनगर जनपद का सुप्रसिद्ध पंवरिया नृत्य और किन्नर नृत्य लोकरंग के प्रमुख आकर्षण होंगे। लोकरंग में पहली बार, उत्तर-पूरब के दो राज्यों की भागीदारी देखने को मिलेगी । असम का बागुरुम्बा, बोडो और भोरताल नृत्य प्रस्तुत होगा तो  सिक्कम की ताल म्यूजिक एण्ड डांस अकादमी, नामची द्वारा तमांग सेलोए मारुनी और कोडा डांस प्रस्तुत किया जायेगा।

यह जानकारी लोकरंग संस्कृतिक समिति के अध्यक्ष जाने माने लेखक एवं साहित्यकार सुभाष चंद्र कुशवाहा ने आठ अप्रैल को पडरौना में पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि हमेशा की तरह लोकरंग कार्यक्रम का उद्घाटन “लोकरंग 2024” पत्रिका के लोकार्पण से शुरू होगा। गांव की महिलाएं परंपरागत सोहर से सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत करेंगी। परिवर्तन रंगमंडली, जीरादेई, सिवान, बिहार की टीम इस बार दोनों रात लोकगीतों के अलावा नाटक- “भाई विरोध” और “दगा हो गए बालम” का मंचन करेगी।

उन्होंने बताया कि राजस्थान के तमाम परंपरागत लोक वाद्य यंत्रों की ध्वनि इस बार लोकरंग में गूंजेगी तो परंपरागत राजस्थानी नृत्य भी देखने को मिलेगा। चंदा लाल कालबेलिया एण्ड पार्टी (जयपुर  राजस्थान) को इस बार आमंत्रित किया गया है।

 श्री कुशवाहा ने बताया कि 15 अप्रैल को सुबह 11 बजे से विचार गोष्ठी आयोजित की गई है, जिसका विषय है, “लोकसंस्कृति के समावेशी तत्व”। इस गोष्ठी में देश के जाने माने वरिष्ठ साहित्यकार प्रो अवधेश प्रधान, प्रो. सदानंद शाही, प्रो. नीरज खरे, प्रो. दिनेश कुशवाह, प्रो. निरंजन सहाय, प्रो. अनिल राय, बी. आर. विप्लवी, प्रो. अनिल सिंह, प्रो. राजेश मल्ल, प्रो. कमलेश वर्मा, डॉ. रवि शंकर सोनकर, प्रो. राहुल कुमार मौर्य, डॉ. आशा सिंह, डॉ. महेन्द्र प्रसाद कुशवाहा, डॉ. विंध्याचल यादव, रामजी यादव, स्वदेश सिन्हा, डॉ. दीनानाथ कुशवाहा, मनोज कुमार सिंह और अशोक चौधरी शामिल होंगे।

वर्ष 2018 में शुरू हुआ था लोकरंग 

लोकरंग का प्रारंभ 23-24 मई 2008 को हुआ था। तब से यह अभियान लगातार जारी है। इस अवधि में सिर्फ वर्ष 2020  में कोराना काल में यह स्थगित रहा।

लोकरंग सांस्कृतिक समिति द्वारा आयोजित इस  लोक उत्सव ने पूर्वांचल की धरती को एक अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिया है।

इस आयोजन में लोकगीत, नृत्य, वादन, नाटक, भित्ति चित्र, कविता पोस्टर, विचार गोष्ठी आदि विविध प्रकार की लोक संस्कृतियों के प्रदर्शन होते हैं।

हर वर्ष आते हैं 150 से अधिक कलाकार 

प्रति वर्ष लगभग 150 लोक कलाकार भाग लेते हैं। इस आयोजन में पूर्वांचल के सभी प्रकार के लोक गीतों एवं नृत्यों को स्थान दिया गया है जिनमें हुड़का, पखावज, गोड़उ, जांघिया, धोबियाऊ, पंवरिया और फरी नृत्य, जट-जटिन, कमला पूजा, मालवा नृत्य, वर्षागीत, कुटनी-पिसनी गीत, बाउल, झरखण्डी खड़िया आदिवासी नृत्य, एकतारा, खजड़ी, बांसुरी एवं सारंगी वादन, ईशुरी फाग, बिरहा, आल्हा, अंचरी, बृजवासी, निर्गुन, कजरी, देवीगीत, चइता, सूफी कौव्वाली, कहरवा, जोगी गायकी, बाकुम कवित्त, कबीर गायन, अवधी बिरहा, खड़िया आदिवासी नृत्य, बधाई और नौरता लोक नृत्य, झिझिया, गोदना, राजस्थानी कालबेलिया, घूमर, भवाई, अग्नि, बणजारा-बणजारी, ग्रामीण भवाई और चारी नृत्य। छऊ और करमा नृत्य, बीहू नृत्य, आम्रपाली लावणी नृत्य, सपेरा नृत्य, मालवा का बीर गायन, भगोरिया नृत्य, थारू नृत्य प्रमुख हैं।

लोकरंग सांस्कृतिक समिति ने लोकरंग के आयोजन के साथ-साथ  लुप्त होते लोकगीतों को सहेजा। लोकसंस्कृतियों को लिपिबद्ध किया। कुशीनगर के सभी परंपरागत लोकगीतों और लोक नृत्यों को मंच पर उतारा। चार पुस्तकें और दर्जन भर पत्रिकाएं प्रकाशित कीं। लुप्तप्राय हो चुके भोजपुरी के मशहूर लोक नाट्कार रसूल मियां की खोज की। आज रसूल मियां , इग्नू सहित कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल हो चुके हैं।

संभावना कला मंच के पोस्टर, भित्ति चित्र जोगिया गाँव को बना देते हैं कला ग्राम

लोकरंग में कविता पोस्टर, भित्ति चित्रों से गांव को सजाने का एक अनूठा प्रयोग, लोकरंग की सहयोगी संस्था, संभावना कला मंच, गाजीपुर द्वारा किया जाता रहा है। संभावना कला मंच के संस्थापक  डॉ. राजकुमार सिंह का वर्ष 2022 में कैंसर से असमय निधन हो गया। संभावना कला मंच के कलाकार इस सदमे से अभी तक उबर नहीं पाए हैं फिर भी वे पूरे मनोयोग से अपने कलगुरु के सपनों को साकार करने के लिए जोगिया गाँव आते हैं और पूरे गाँव को कला गाँव में तब्दील कर देते हिन जो पूरे वर्ष लोगों को आकर्षित करता है।

नीदरलैंड, मारीशस, दक्षिण अफ्रीका, गयाना से आ चुके हैं कलाकार 

लोकरंग में कई वर्षों से विदेशों से न सिर्फ कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देने आते हैं बल्कि इसका सहयोग, समर्थन व प्रचार भी करते हैं। सात  सितम्बर, 2018 को नीदरलैंड के उत्रेच शहर में लोकरंग के प्रचार और सहयोग के लिए एक आयोजन हुआ, जिसके आयोजक नीदरलैंड के प्रसिद्ध सरनामी भोजपुरी गायक राजमोहन हरदिन थे।

लोकरंग में सूरीनाम और नीदरलैंड के राजमोहन हरदिन, सूरज, पवन, गयाना और न्यूजर्सी के एस्टॉन रमदहल, शंकर रमदहलआ चुके हैं। मारीशस से 27 महिला लोक कलाकारों की एक टीम सरिता बुधु के निर्देशन में पधार चुकी हैं जो मॉरीशस की भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन, मिनिस्ट्री ऑफ आर्ट एण्ड कल्चर की अध्यक्ष हैं। दक्षिण अफ्रीका के चाँदलाल भी अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करने आए थे।

लेखकों , साहित्यकारों, रंगकर्मियों की भी होती है जुटान 

अब तक इस आयोजन में दिवंगत प्रो. मैनेजर पाण्डेय, प्रो. केदारनाथ सिंह, प्रो. लाल बहादुर वर्मा, अनिल सिन्हा, डॉ प्रफुल्ल कुमार मौन, प्रो. गोरेलाल चंदेल, के अलावा  प्रो. राजेंद्र सिंह, आनंद स्वरुप वर्मा, पंकज बिष्ट, प्रो. दिनेश कुशवाह, प्रेमकुमार मणि, चौथीराम यादव, प्रो जयप्रकाश कर्दम, डॉ लालरत्नाकर, हरिनारायण, सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ, तैयब हुसैन, वेद प्रकाश पाण्डेय, प्रो. शम्भुगुप्त, प्रो. बजरंग तिवारी,  वीरेंद्र यादव,  हृषिकेश सुलभ, मदन मोहन, ताहिरा हसन, प्रो. अर्चना कुमार, प्रो. राजकुमार, धीरेन्द्रनाथ, डॉ महेंद्र प्रसाद कुशवाहा, मृदुला शुक्ल, विद्याभूषण रावत, रामजी यादव, अपर्णा, संतोष पटेल, स्वदेश सिन्हा, डॉ दीनानाथ मौर्य, शिवमूर्ति, प्रो. रामपुनियानी, महेश कटारे, जितेन्द्र भारती, अरुण असफल, बीआर विप्लवी, प्रो. सूरज बहादुर थापा, सृंजय, डॉ. रतनलाल, डॉ. बलभद्र, राम प्रकाश कुशवाहा, डॉ. महेंद्र शांडिल्य, शिव कुमार, डॉ. विजय कुमार चौरसिया, रामजी राय, जय प्रकाश धूमकेतु, संजय जोशी, सुधीर सुमन, केके पाण्डेय, प्रो. आशुतोष, विजय गौड़, गीता गौरोला, डॉ आशा सिंह आदि शामिल हो चुके हैं। वर्ष 2010 में महाश्वेता देवी ने पत्र लिखाकर लोकरंग अभियान को बधाई दी थी।