समाचार

इस्लाम ठंडा पानी, आतंकवाद आग, दोनों में मेल असम्भव: शाहमीरी

अजमते पंजतने पाक सम्मेलन
गोरखपुर, 1 मई। खानकाह मोईनियां चिश्तियां के डा. सैयद औसाफ शाहमीरी खुर्रम ने कहा कि इस्लाम का अर्थ मीठा व ठंडा पानी है, वहीं आतंकवाद का अर्थ दहकती आग है। इस्लाम और आतंकवाद का मेल असम्भव है। इस्लाम को बदनाम करने की साजिश चल रही है जिसे सूफिया कभी सफल नहीं होने देंगे। इस्लाम में दहशतगर्दी की इजाजत नहीं है।
यह बातें उन्होेंने रविवार को नौजवान कमेटी मस्जिद हसनैन के तत्वावधान में बक्शीपुर स्थित मियां साहब इस्लामिया इंटर कालेज में अजमते पंजतने पाक सम्मेलन के दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि इस्लाम ने चौदह सौ सालों से अमन की बात की है। मक्का जीतने के बाद रसूल ने सबको माफ करके यह दिखा दिया कि इस्लाम रहमत का पैरोकार है। रसूल ने आखिरी खुत्बें में बता दिया कि बेहतर इंसान वह है जो परेहजगार है।
आल इण्डिया उलेमा व मसायख बोर्ड के उपाध्यक्ष सैयद सिब्तैन हैदर मियां ने कहा कि जब मुसलमानों का अल्लाह, रसूल, कुरआन, काबा, कलमा, परचम एक है तो मुसलमान क्यों अनेक बने। मुसलमानों एक बनो, नेक बनो। इस्लाम एकेश्वरवाद की बात करता है।
खानकाह मदीनतुल औलिया सफीपुर के सैयद फैज हसन सफवी ने कहा कि इस्लाम हमेशा से अमन व मोहब्बत का पैगाम देता आया है। इस्लाम कट्टरवाद और आतंकवाद का सदा से ही विरोधी रहा है।
खानकाह मखदूमें मेंहदिया के  सैयद अम्बर हुसैन ने कहा कि सूफिय का  पैगाम मोहब्बत है सारे जहां तक पहुंचना चाहिए।
इससे पूर्व सम्मेलन का आगाज हाफिज हबीबुर्रहमान ने कुरआन पाक की तिलावत से किया। नात शरीफ अबूतुराब बरकाती, मोहम्मद कैफी चिश्ती, जामी बरकाती ने पेश की। अध्यक्षता मौलाना अख्तर नसीम ने किया। सम्मेलन के आखिर में दुआ मांगी गयी। शीरीनी तकसीम की गयी।
इस मौके पर सैफुर्रहमान, मुस्तफा हुसैन, वासिक खान, आमिर रिक्की, फदीश इब्राहीम, राजा खान, कामरान, अदनान, सैफ खान, सद्दाम, हन्नन, अजीम, गुड्डू, ओसामा, मुस्तफा अहमद, नदीम, हाफिज रज्जब, काजी कमालुद्दीन, इरशाद खान, अफजल सहित तमाम लोग मौजूद रहे।