गोरखपुर. 2 जून। अंजुमन इस्लामियां खूनीपुर में शेरों-अदब संगठन के तत्वावधान में एडवोकेट मकबूल हुसैन खां द्वारा रचित पुस्तक ‘डा. सलाम सनदेलवी मेरी नजर में’ का विमोचन डा. अजीज अहमद, सेवानिवृत न्यायाधीश कलीमुल्लाह खां, डा.कलीम कैसर, टीएन श्रीवास्तव वफा गोरखपुरी ने किया।
इस मौके पर प्रो.मलिकजादा मंजूर, अंजुम इरफानी, इद्रीस मेकरानी, सालिक गोरखपुरी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए तरही काव्य गोष्ठी हुई।
सेवानिवृत न्यायाधीश कलीमुल्लाह खां ने अपने संबोधन में कहा कि रचनाकार को ऐसी रचनाएं लिखनी चाहिए जो समाज के लिए उपयोगी हो। अध्यक्षता करते हुए डा. अजीज अहमद ने कहा कि रचनाकार समाज की आंखों को छुआ करता हैं और सामाजिक दुख-दर्द को अपने शब्दों के माध्यम से समाज तक पहुंचाता हैं।
काव्य गोष्ठी में वफा गोरखपुरी ने पढ़ा –
इस आपसी नफरत की जो दीवार गिरा दे/ क्या ऐसा जहां में कोई जांबाज नहीं हैं।
संचालन करते हुए डा. कलीम कैसर ने पढ़ा-जो तुझसे खफा शहर में हर एक बशर हैं,जो पेड़ लगाए है उसी का ये समर हैं। दिलशाद गोरखपुरी ने कहा -हालात ने मुझको भी बदल डाला है दिलशाद,पहले की तरह तेरा भी अंदाज नहीं हैं।
इसके अलावा राज आजमी, फरुक जमाल, अर्शी बस्तवी, जमाल समानी, काजी अब्दुर्रहमान, जैद कैनूरी, अब्दुल्लाह जामी आदि ने भी शेर पढ़ा। बेहतरीन कलाम पेश करने वाले शायरों के सम्मानित किया गया।
इस मौके पर मोहम्मद आजम, अरशद जमाल समानी, तारिक नदवी, राशिद कमाल समानी, सहित तमाम लोग मौजूद रहे.