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जेल से कैदी अपने घर वालों से फोन पर कर सकेंगे बात

मण्डलीय कारागार में दो पीसीओ बूथ लगाए गए

गोरखपुर , 16 जुलाई। गोरखपुर मंडलीय कारगार में बंद दो कैदियों को आज 6 वर्ष बाद अपने परिजनों से बात करने का अवसर मिला। इस लम्हे वे काफी भावुक हो गए। लेकिन अब उन्हें अपनों से बात करने के लिए इतना लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब उन्हें हर महीने चार बार 5-5 मिनट बता करने का मौका मिल सकेगा।

यह संभव हुआ है मण्डलीय कारागार में आज बंदी पीसीओ बूथ सेवा शुरू होने से। वरिष्ठ जेल अधीक्षक एसके शर्मा ने इसका शुभारंभ किया। अब जेल से कैदी अपने घर वालों से फोन पर बात कर सकेंगे। इसके लिए दो  पीसीओ बूथ बनाए लगाए गए हैं।

हालांकि उनकी सारी बातचीत रिकार्ड की जायेगी हैं। यह सुविधा देश-विदेश के सभी बंदियों के लिए है।

जेल में मुलाकातियों की संख्या को कम करने के लिए सरकार ने बंदियों को घर बात करने की सुविधा देने का फैसला किया था। इसके लिए जेल के अंदर पीसीओ बूथ लगाने का निर्णय हुआ था। इस व्यवस्था की शुरूआत नम्बर 2015 से ही होने वाली थी लेकिन बीएसएनएल के सेटअप को तैयार करने समय लगने से के चलते व्यवस्था की शुरूआत नहीं हो सकी।

इस संबंध में जेल अधीक्षक एसके शर्मा ने बताया कि इससे मुलाकातियों की भीड़ में कमी आएगी।

नंबरों का कराया जाएगा सत्यापन

बंदी अपने जिस भी रिश्तेदार या घर वाले से बात करना चाहते हैं उनका नंबर जेल प्रशासन ने जुटा लिया है। इन सभी नम्बरों का सत्यापन भी पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही बंदियों का फिंगर प्रिंट भी ले लिया गया है। जेल में स्थापित बूथ में लगाए गए मशीन में सभी के नाम और नम्बर फीड कर दिए गए हैं। इस प्रक्रिया में शामिल होने वाले बंदी ही बात करेंगे।

पांच मिनट की होगी बातचीत

बंदी ने जिस नंबर को पंजीकृत कराया है वह उसी नंबर पर बात करने के लिए अधिकृत होगा। एक हफ्ते दो बार वह पांच-पांच मिनट की बातचीत कर सकेगा। बूथ में लगे स्क्रीन को टच करने के बाद उसका नंबर डिस्प्ले हो जाएगा जिस पर काल करके वह बात कर सकेगा। पूरी बातचीत मशीन में आटोमेटिक रिकार्ड होती रहेगी।

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