अन्तर्राष्ट्रीय तटबंधों पर स्वीकृत परियोजनाओं के प्रगति का जायजा लेने आयी थी टीम
रवि सिंह
निचलौल (महराजगंज), 18 जुलाई। नेपाल स्थित अन्तर्राष्ट्रीय तटबंधों पर स्वीकृत करोडों की परियोजनाओं के प्रगति का जायजा लेने आयी गंगा फ्लड कंट्रोल कमेटी पटना की टीम दो दिन तक गोरखपुर रुकने के बाद बगैर निरीक्षण के ही लौट गयी। बिना निरीक्षण टीम के लौट जाने के कारणों के बारे में विभाग के अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहाई हैं।
बता दें कि नेपाल से निकलने वाली नारायणी नदी पर बाढ सुरक्षा की गरज से बनाये गये अन्तर्राष्ट्रीय तटबंध ए गैप , बी गैप, लिंक बांध व नेपाल बांध की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिले के सिचाई खंण्ड दो के पास है लेकिन तटबंधों पर होने वाले कार्यों की योजना गंगा फ्लड कंट्रोल कमेटी (जीएफसीसी) पटना बनाती है। हर साल बाढ के बाद विभाग बंधों व ठोकरों के डैमेज एरिया व नदी के रुख के अनुसार कार्ययोजना तैयार कर जीएफसी को भेजती है और जीएफसीसी की टीम मौका मुआयना कर परियोजनाओं को स्वीकृति देती है।इसके बाद टेंण्डर अनुबंध कर विभाग अगली बाढ से पूर्व बंधों की सुरक्षा व बाढ बचाव को लेकर स्वीकृत परियोजनाओं का कार्य कराता है जिसकी प्रगति का जायजा लेने जीएफसीसी की टीम हर साल बाढ पूर्व नेपाल स्थित अन्तर्राष्ट्रीय तटबंधों पर आती है और कार्य के प्रगति से रूबरू होती है।लेकिन इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय तटबंधों की सुरक्षा को लेकर न तो जिले का सिचाई विभाग गंभीर है और नाही गंगा फ्लड कंट्रोल कमेटी।लिहाजा स्वीकृति और टेंडरिंग के महीनों बाद भी अनुबंध में अटके परियोजनाओं का कार्य जहां अब तक शुरू नही हो सका है वहीं बगैर निरीक्षण के ही जीएफसीसी टीम का गोरखपुर से ही लौट जाना फ्लड को लेकर विभागी गंभीरता पर सवाल उठा रहे है।सूत्र बताते है कि जीएफसीसी की तीन सदस्यी टीम दो दिन गोरखपुर में रूकने के बाद लखनऊ गयी और वही से लौट गयी।
इधर पहाडों पर बरसात के बाद उफनाती नारायणी की भयावह रूप देख लोग बाढ की आशंका से संशकित हैं। हालांकि कुछ परियोजनाओं के अनुबंध की बात विभाग जरुर बता रहा लेकिन बंधों पर कार्य अभी रफ्तार नही पकड सकी है। जिन परियोजनाओं के एक जून तक पुरा हो जाना था वह आधी जुलाई बीतने के बाद भी शुरू नही हो सकी है।ऐसे में बाढ व बंधे की सुरक्षा को लेकर विभाग और जीएफसीसी कितना गंभीर है उसे आसानी से समझा जा सकता है।
इस संबध में अधीक्षण अभियंता गोरखपुर आरडी यादव का कहना है कि लगभग अनुबंध गठित हो गये है।अब ये एक्सीएन जाने की अब तक कार्य क्यो शुरू नही हुआ है। हालाकि जीएफसीसी टीम के निरीक्षण के सवाल पर वे चुप्पी साध गये।