2014 से बकाया है प्रेरको का मानदेय
राज्य/केंद्र कर्मचारी का दर्ज़ा दिलाने की भी हुई मांग
सिसवा बाज़ार, महराजगंज 24 जुलाई। साक्षर भारत मिशन के तहत देश में 15 से 35 वर्ष के असाक्षरों को शिक्षा दिये जाने की सरकार की मंशा अब धूल-धूसरित हो रही है। प्रौढ़ शिक्षा देने वाले प्रेरकों का 27 माह से बकाया मानदेय न मिलने से प्रेरकों के समक्ष संकट का दौर शुरू हो गया है। जिसको लेकर रविवार को लामबन्द प्रेरकों ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन बी जे पी के नेता ई0 आर के मिश्रा को सौंपा।
भारत के प्रत्येक ग्राम सभा में एक पुरुष व एक महिला की प्रेरक के रूप में नियुक्ति केन्द्र सरकार द्वारा 2010/11 में 2000 प्रति माह पर की गई थी। प्रेरकों को गाँवों में 15 से 35 वर्ष के असाक्षरों को साक्षर करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। प्रेरको द्वारा अपनी ड्यूटी किये जाने के बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा प्रेरकों का 27 माह का मानदेय अब तक नहीं मिला है। जिसके चलते प्रेरकों के समक्ष परिवार के भरण पोषण की समस्या उत्पन्न हो गयी है। जिसको लेकर महाराजगंज प्रेरक संघ के जिला संयोजक नयना नन्द मिश्रा ने नेतृत्व में जिले के प्रेरकों ने ई0 आर के मिश्रा के सौजन्य से राज्य सभा सदस्य शिव प्रताप शुक्ला के माध्यम से भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सम्बोधित अपना ज्ञापन दिया। ई0 आर के मिश्रा ने राज्य सभा सदस्य शिव प्रताप शुक्ल द्वारा प्रेरकों की समस्याओ को सदन में उठाने का आश्वासन दिया।
ज्ञापन सौंपने वाले प्रेरकों में सुनील पाठक, राम निवास, प्रतिभा यादव, पुनीता दुबे, शम्भू, धर्मेन्द्र, पाण्डेय, इस्लामुद्दीन, उमा कान्त चौधरी, श्रीनिवास, शीतल, सुरेन्द्र, धर्मेन्द्र ओझा सहित सैकड़ों प्रेरक शामिल रहे।