– नेपाल बांध के ठोकर संख्या पांच पर बगैर अनुबंध के कराया जा रहा करोडों का काम
-ऐज क्रेटिंग व पुनर्स्थापना की स्वीकृत है परियोजना
– विभाग की मंशा पर उठ रहे सवाल, जलस्तर बढने के बाद क्यों शुरू हुआ काम
रवि सिंह
महराजगंज , 15 जुलाई। नेपाल स्थित अन्तर्राष्ट्रीय तटबंधों के मरम्मत व पुनर्स्थापना की गरज से स्वीकृत करोडों की परियोजना में अभी से ही भ्रष्टाचार के दीमक लगने लगे है।अनुबंध से पहले काम और काम से पहले भुगतान के अपने पुराने फार्मुले पर विभाग ने इस वर्ष भी करोडों की परियोजना को बंदरबाट के बांढ में डुबोने का काम शुरू कर दिया है।
यू तो हर साल बांढ के दिनों में लूट -खसोट , जांच – पडताल को लेखर सुर्खियों में रहने वाला जिले का सिचाई खंड दो इस वर्ष भी अपने कथित मंशा को लेकर चर्चा में है।नेपाल स्थित बी गैप व नेपाल बांध के विभिन्न ठोकरों के मरम्मत को लेकर स्वीकृत करीब 28 करोड 95 लाख की 9 परियोजनाओं में बी गैप पर पांच व नेपाल बांध पर चार परियोजनाओं को जीएफसीसी पटना ने मंजूरी दी थी।इन परियोजनाओं का टेंडर भी हो गया लेकिन अब तक अनुबंध न होने से बी गैप पर काम शुरू नही हुआ जबकि नेपाल बांध के ठोकर संख्या पांच पर जल स्तर बढने के साथ ही अचानक बगैर अनुबंध के ही एजक्रेट्रिंग का कार्य शुरू हो गया। जबकि परियोजना में ठोकर के डाउन स्टीम पर नदी में करीब 15 मीटर अन्दर तक नायलान क्रेट में बोरिया भर बेस बनाकर सीसी ब्लाक ढाले जाने थे लेकिन जलस्तर बढने के बाद बगैर अनुबंध के ही आनन फानन में शुरू हुये इस कार्य को लेकर विभागीय मंशा जगजाहिर है। जलस्तर बढने के बाद शुरू हुये इस काम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। सूत्र बताते है कि परियोजना के मद का बंदरबांट करने के लिये अफ्सर हर साल नदी के जलस्तर बढने का इंतजार करते है और जलस्तर बढने के साथ ही काम भी युद्ध स्तर पर शुरु हो जाता है। बाढ के आड़ में आधा अधूरा काम करा ठेकेदार भुगतान पुरा लेकर चलते बनता है जिसके चलते हर साल अन्तर्राष्ट्रीय तटबंधों पर करोडों की परियोजना बनती तो है पर काम नही हो पाता।
पिछले वर्ष बीगैप के तेरह नम्बर ठोकर पर अधूरी पडी करोडों की परियोजना विभाग के कथित कारगुजारी की पोल खोल रहे है।
इस संबध में एक्सीएन बीपी यादव का कहना कि कुछ अनुबंध हुये है। बाढ के मद्देनजर काम तेजी से कराये जा रहे है। नेपाल बांध के ठोकर संख्या 5 के अनुबंध के सवाल पर वो चुप्पी साध गये।