वंदेमातरम यात्रा के साथ आए शहीदों के परिजनों ने बयां किया दर्द
सिसवा बाजार ( महराजगंज), 10 अगस्त। क्रांतिवीर चन्द्रशेखर आज़ाद के भतीजे लखनऊ निवासी पण्डित सुजीत आज़ाद का कहना है कि देश को आज़ाद कराने के लिए 1857 से 1947 तक लाखों स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों ने बलिदान देने के बाद भी जितनी भी सरकारें आयीं उसने सिर्फ उपेक्षा ही किया है।शहीदों के वंशजों को पूछने वाला कोई नहीं है। युवा अगर साथ दें तो मैं उनके कदमों से कदम मिलाकर चलूंगा और पूर्ण स्वराज का सपना साकार करूँगा।
श्री आज़ाद वंदेमातरम यात्रा के साथ सिसवा आए थे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जिस तरह राजस्थान में हमने गहलोत सरकार गिरायी है, उसी तरह बहरी सरकार को भी संसद से उखाड़ फेकेंगे। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को लेकर आने वाले दिनों में बहुत जल्द देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के वंशज संसद को घेरेंगे।
मकबरा तक नहीं बनवा पायी कोई भी सरकार : अशफ़ाक़ उल्लाह खान
शहीद अशफ़ाक़ उल्लाह खाँ के पौत्र अशफ़ाक़ उल्लाह खाँ भी इस यात्रा के साथ आए हैं। बातचीत में रंज के सतह उन्होने कहा कि उनके बाबा शहीद अशफ़ाक़ उल्लाह खान का एक मकबरा तक कोई भी सरकार नहीं बनवा पायी है।स्वतंत्रता संग्राम के खबरों को लोगों तक पहुंचाने वाले ‘पर्दा’ समाचार पत्र के संस्थापक संपादक गणेश शंकर विद्यार्थी ने अशफ़ाक़ उल्लाह खाँ को फांसी दिये जाने के बाद अशफ़ाक़ उल्लाह खाँ का मकबरा बनाने का वादा किया था। मगर किसी भी सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होने कहा कि जेल में बन्द अशफ़ाक़ उल्लाह खाँ से मिलने घर वाले गये थे तो उन्होंने कहा था कि मेरे वंशजों में किसी का नाम मेरे नाम पर रखा जाये। इसी बात पर परिजनों ने मेरा नाम अशफ़ाक़ उल्लाह खाँ रख दिया।
युवा ही लायेंगे देश में इंकलाब : पं0 ज्ञान प्रकाश शर्मा
देश के स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न आंदोलनों में हिस्सा लेने वाले स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी रामरूप शर्मा के पौत्र पं0 ज्ञान प्रकाश शर्मा का कहना है कि देश के युवा अगर चाहें तो पूरे देश में एक बार फिर से इंकलाब ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि स्वतंत्रता संग्राम में क़ुरबानी देने वाले सेनानियों के वंशजों पर ध्यान दे। किन्तु आज किसी भी सरकार ने सेनानी के वंशजों की सुधि नहीं ली।