गोरखपुर, 12 सितम्बर। आमी में प्रदूषण के कारण एक बार फिर जलीय जीव जन्तुओं पर खतरा उत्पन्न हो गया है। मगहर के पास आमी नदी में प्रदूषण बढ़ने से मछलियां मरने लगी है। पिछले तीन-चार दिनों से नदी में बड़ी संख्या में मछलियों की मौत हुई है।
आमी बचाओ मंच के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह ने बताया कि मगहर के आस-पास नदी में प्रदूषण बहुत बढ़ गया है जिसके कारण मछलियों की मौत हो रही है। संतकबीर के आश्रम के पास आमी नदी से जलीय जीव जन्तुओं के मरने और नदी में कचड़े से असहनीय बदबू उत्पन्न हो रही है जिससे लोग परेशान हैं। उन्होेने कहा कि नेशनल ग्रीन टिब्यूनल के आदेश के बावजूद आमी नदी में औद्योगिक कचड़ा डाला जा रहा है जिससे यह स्थिति आयी है।
इस सम्बन्ध में गोरखपुर के क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी ने बताया कि एनजीटी के आदेश के मुताबिक आमी के अपस्टीम में विभिन्न उद्योगों के डिस्चार्ज का समय निश्चित कर दिया गया है। इससे आमी नदी में प्रदूषण कम हुआ है लेकिन पूरी तरह प्रदूषण खत्म होने में दिसम्बर तक का समय लगेगा जब खलीलाबाद और मगहर नगर निकाय का कचरा भी नदी में जाना बंद हो जाएगा। उन्होंने बताया कि एनजीटी के आदेश के मुताबिक गीडा कामन इन्फयूलेंट टीटमेंट प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके स्थापित होने में एक से दो वर्ष लगेंगे। सीईटीपी के लगने से आमी नदी के डाउनस्टीयम में गीडा का औद्योगिक कचरा जाना बंद हो जाएगा। इससे बहुत हद तक आम नदी प्रदूषण मुक्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आमी नदी को प्रदूषण मुक्त करने की कार्रवाई चल रही है जिसके नतीजे अगले वर्ष तक पूरी तरह दिखने लगेंगें।