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एनजीटी ने सीईटीपी लगाने में देरी पर गीडा को फटकारा, कहा -अब नहीं चलेगा बहाना

आमी नदी के प्रदूषण पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का कडा रूख 

गोरखपुर , 30 सितम्बर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी ) ने आमी नदी के प्रदूषण रोकने के लिए कामन इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) लगने में की जा रही देरी पर गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि अगली तारीख पर कोई बहाना नही चलेगा। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार की बेंच ने गीडा के सीईओ और उत्तर प्रदेश शासन के सचिव को अगली तारीख 28 अक्टूबर को तलब किया है।

आमी नदी

आमी नदी के प्रदूषण पर आमी बचाओ मंच के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्याय मूर्ति स्वतंत्र कुमार की बेंच ने  दिए गए  साक्षयो के आधार पर दौरान माना कि नदी की हालत बहुत ख़राब है और अधिकारी कुछ नही कर रहे है।

आमी बचाओ मंच के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह
आमी बचाओ मंच के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह

सुनवाई में गीडा के सीईओ ने पिता के निधन के कारण उपस्थित नहीं हुए। विभिन्न  औद्योगिक कारखानों की ओर से उनके वकीलों ने अपना पक्ष रखा। याचिका कर्ता ने मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय द्वारा कराई गई नदी की जांच रिपोर्ट,  गोरखपुर विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के शोध छात्र द्वारा किए गए जाँच के तथ्य तथा उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रड बोर्ड द्वारा की गई जाँच रिपोर्ट को प्रस्तुत किया जिसमें आमी नदी के बुरी तरह प्रदूषित होने की बात कही गई है।  याचिका कर्ता ने यह भी बताया कि मगहर और खलीलाबाद टाउन एरिया द्वारा ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाया गया है। उन्होने यह भी बताया कि प्रदूषण के कारण हल में मगहर में नदी में बड़ी संख्या में मछलिया मारी हैं।

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