जुलाई में सभी विभागों में प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी लेकिन समाजशास्त्र विभाग में नहीं हो पा रहा है प्रमोशन
दो बार टल चुका है साक्षात्कार, विभाग के पांच शिक्षक प्रमोशन से वंचित
गोरखपुर, 13 सितम्बर। दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में शिक्षकों के प्रमोशन के लिए होने वाला साक्षात्कार फिर टल गया है। यह साक्षात्कार दूसरी बार टला है। साक्षात्कार टलने का कारण परीक्षक द्वारा आने में असमर्थता व्यक्त किए जाना बताया जा रहा है।
पहले भी साक्षात्कार पैनल के एक सदस्य द्वारा न आने की सूचना पर ही साक्षात्कार टला था। इससे प्रमोशन की आस लगाए शिक्षक फिर निराश हो गए हैं।
विश्वविद्यालय के सभी विभागों में प्रोन्नति की प्रक्रिया जुलाई माह में ही पूरी हो गई है लेकिन समाज शास्त्र विभाग में प्रमोशन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है। इसका प्रमुख कारण विभाग में वरिष्ठ शिक्षकों के बीच अहम की लड़ाई माना जा रहा है।
विश्वविद्यालय में जुलाई माह में सम्पन्न प्रोन्नति की प्रक्रिया में 55 शिक्षक प्रोफेसर के पद पर और 12 शिक्षक एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नत हुए थे।
प्रत्येक विश्वविद्यालय में व्यक्तिगत प्रमोशन की प्रकिया निरन्तर चलती रहती है। नियमों के अनुसार 13 वर्ष के कैरियर के बाद सहायक प्रोफेसर,एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर और 3 वर्ष के कैरियर के बाद एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति का अर्ह हो जाता है। नए नियमों के अनुसार प्रोन्नति की प्रक्रिया शुरू होने पर अर्ह शिक्षकों की शैक्षिक उपलब्धियों के लिए स्क्रनिंग व आईक्वेसी होती है। इसके बाद प्रमोशन कमेटी के समक्ष साक्षात्कार होता है।
विश्वविद्यालय में व्यक्तिगत प्रोन्नति की प्रक्रिया दिसम्बर 2014 से शुरू हुई थी। मई 2016 में सभी विभागों में स्क्रीनिंग व आईक्वेसी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई और इसके बाद कमेटियों के समक्ष साक्षात्कार हुए। साक्षात्कार के बाद 55 शिक्षक प्रोफेसर पद पद और 12 एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नत हो गए लेकिन समाजशास्त्र विभाग में साक्षात्कार के लिए कमेटी ही गठित नहीं हुई जिसके कारण पांच शिक्षक प्रोन्नति से वंचित हो गए।
मिली जानकारी के अनुसार समाजशास्त्र विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर संगीता पांडेय, मानवेन्द्र सिंह और शफीक अहमद का प्रोफेसर पद पर और डा. अंजू और डा. सुभी धुसिया का एसोसिएट प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति होनी है। सूत्रों के मुताबिक विभाग में प्रमोशन के लिए साक्षात्कार कराने के लिए विभागाध्यक्ष कोई रूचि नहीं ले रहे हैं। उनकी रूचि नहीं लेने के पीछे विभाग के एक शिक्षक से उनका विवाद बताया जा रहा है। शुरू में साक्षात्कार का पैनल नहीं गठित होने के पीछे उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में दाखिल एक केस का हवाला दिया। एसोसिएट प्रोफेसर संगीता पांडेय संगीता पांडेय वर्ष 2013 मंे प्रोफेसर पद के लिए प्रोन्नति से वंचित होने पर हाईकोर्ट में केस कर दिया था जिसकी सुनवाई चल रही है लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं आया है।
सम्बन्धित शिक्षकों का कहना है कि केस का फैसला आने की प्रत्याशा में साक्षात्कार को रोकना किसी हाल में उचित नहीं है। इस केस का प्रभाव भी एक शिक्षक विशेष की स्थिति पर पड़ेगा। इसके लिए अन्य शिक्षकों को प्रमोशन से वंचित कैसे किया जा सकता है। यह तर्क जब कुलपति तक पहुंचाया गया तो उन्होंने साक्षात्कार के लिए दो बार तिथि नियत करायी लेकिन दोनों बार यह टल गई। इस बार 14 सितम्बर को साक्षात्कार की तिथि नियत की गई थी लेकिन पैनल एक सदस्य ने आने में असमर्थता जता दी।
अब समाजशास्त्र विभाग मंे प्रमोशन के लिए साक्षात्कार छात्र संघ चुनाव और दीक्षांत समारोह के बाद ही संभव लगता है। छात्र संघ चुनाव 21 सितम्बर को और दीक्षांत समारोह 25 सितम्बर को होना है। अब नए सिरे से साक्षात्कार का पैनल बनेगा और इसे स्वीकृति के लिए राज्यपाल को भेजना होगा।