‘ हिंदू धर्म, संस्कृति के बिना भारत का उत्थान नहीं ‘
गोरखपुर, 2 अक्तूबर। सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि भारत धर्म पर चलकर शाक्तिशाली बन सकता है। भारत का उत्थान हिंदू धर्म, संस्कृति के बिना नहीं हो सकता हैं। उन्होने यह भी कहा कि देश हित की स्थिति पर जो उसे टकराये चूर-चूर करना ठीक है।
मोहन भगवत गीता वाटिका में हनुमान प्रसाद पोद्दार की 125 जयंती वर्ष पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि सारी दुनिया को एक बार फिर धर्म की आवश्यकता हैं। देने वाला भगवान हैं और भगवान ने भारत पर जिम्मेदारी सौंपीं हैं। जब तक भारत उठकर खड़ा नहीं होगा दुनिया को यूं ही मार पड़ती रहेगी। भारत के उत्थान का रास्ता धर्म ही है। पूजा और सम्प्रदाय इसके भाग हैं। सभी प्रकार के सम्प्रदायों और पूजा पद्धतियों को मान्य करके भी धर्म चल सकता है।
संघ प्रमुख ने कहा कि हमारी सीमा की परिस्थिति देखिए। उधर से गोलाबारी कर रहे थे। आतंकवादियों को घुसा रहे थे। इधर से अपनी सेना जाकर उसको रोकती हैं और कभी अंदर जाकर मारा ये तो समझ में आ रहा हैं। लेकिन हमारे यहां का हाल यह है कि सुरक्षा देनी है। जब सुरक्षा करनी पड़ती है आपकी तो आप सुरक्षित हैं क्या ? आप ऐसे बनो कि जो आपसे टकरायें वह चूर-चूर हो जायें। कभी-कभी आंदोलनों में कहते हैं कि जो हमसे टकरायेगा चूर-चूर हो जायोगा। वह होना चाहिए। हम उस स्थिति पर जल्दी जायेंगे देश के नाते। जाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि हम अपने आप को हिंदू कहते हूं गाय को माता मानते हैं और 25 रुपए का चारा नहीं खिला सकते। गौरक्षा मुद्दे पर कहा कि सब गायें तो चुराई नहीं जाती है कुछ तो बेची जाती हैं। बेचने वाला कौन हैं ? राज्यों में गौरक्षा के कानून तो बने हैं लेकिन अमल करने वाला कौन हैं ? कई बातें हैं जिनके इलाज की आवश्यकता है, बाकी तो अपने आप होगा। गौरक्षा होगी। हिंदू समाज अपने आचरण से बतायेगा। ज्यादा समय नहीं लेगा। हिंदू समाज याचक नहीं बनेगा। समाज जागरूक होगा तो गोरक्षा हो जाएगी।
उन्होंने भाई जी की जिदंगी से प्रेरणा लेने की बात कहीं। इस मौके पर प्रो.हनुमान प्रसाद दीक्षित, गीता प्रेस के सम्पादक राधेश्याम खेमका , सांसद जगदम्बिका पाल, शिवप्रताप शुक्ल, नगर विधायक डा.राधा मोहन दास अग्रवाल, मेयर डा.सत्या पांडेय मौजूद रही। संचालन ओमजी उपाध्याय ने किया।