सर सैयद डे पर सिद्धार्थनगर और नेपाल में आयोजन
सगीर ए खाकसार
बढ़नी (सिद्धार्थ नगर)। अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक और जाने माने समाज सुधारक सर सैयद अहमद खां के जन्म दिवस के मौके पर सर सैयद डे की जिला सिद्धार्थनगर सहित पडोसी राष्ट्र नेपाल में भी धूम रही।
जिला मुख्यालय पर बीती रात ओल्ड बॉयज एसोसिएशन की तरफ से सर सैयद डे का आयोजन हुआ तो वहीं दूसरी तरफ आज कृष्णा नगर नेपाल के जामिया इस्लामिया नईमियां में भी सर सैयद को खिराजे अकीदत पेश की गयी।।
मुख्यालय पर आयोजित सर सैयद डे को ख़िताब करते हुए जाने माने अधिवक्ता जफ़रयाब जिलानी ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि भारत का संविधान अल्पसंख्यकों के अधिकारों के सुरक्षा की गारंटी देता है। एएमयू से अकलियत का दर्जा कोई भी छीन नहीं सकता। श्री जिलानी ने कहा कि भारत के जनमानस में सेकुलरिज्म बसा हुआ है। यहाँ का बहुसंख्यक हिन्दू उदार और सेक्युलर ज़हनियत का है। यही हिन्दुतान की ताकत है। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष अब्दुल हफीज़ गांधी ने कहा कि गांव गाँव में स्कूल खोलकर सर सयैद के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए हम सबको आगे आना होगा। कार्यक्रम को डॉ विनय कान्त मिश्र ,डॉ एम् एस अब्बासी और डॉ अज़ीज़ अहमद ने भी संबोधित किया।सञ्चालन शोएब रहमान ने किया।इससे पहले प्रोग्राम की शुरुआत तिलावते कुरआन पाक से की गयी।
सैयद सर्वर अहमद ने मेहमानों का इस्तेकबाल किया। मेहमानों को इंजीनयर इरशाद अहमद डुमरिया गंज,मोहम्मद शहीद,जावेद आलम आदि के दुआरा मोमेंटो भी दिया गया। इस मौके पर संसद जगदंबिका पाल,नवागत पुलिस अधीक्षक राकेश शंकर,डॉ सचिदा नन्द मिस्र,हाजी खुर्शीद आलम,मुर्तज़ा खान,रियाज़ अहमद,प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
नेपाल से मिली खबर के अनुसार अलीगढ के पूर्व छात्र,व् मधेसी समाज के कद्दावर नेता अकरम पठान ने सर सैयद डे का आयोजन नई मिया मदरसे में किया। श्री पठान ने कहा कि हमारा मुल्क नेपाल शिक्षा के मामले में बहुत पिछड़ा है। हमें सर सैयद सरीखे युग पुरुष की ज़रूरत है। जिससे शिक्षा की क्रांति लायी जा सके। इस मौके पर मौलाना अकिल अहमद ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर बच्चों को अकरम पठान दुआरा पुरस्कार भी प्रदान किया गया।