अंजुमन हैदरी हल्लौर का पांचवी मोहर्रम का जंजीरी मातमी जुलूस
गोरखपुर, 7 अक्तूबर। अंजुमन हैदरी हल्लौर का पांचवी मोहर्रम का जंजीरी मातमी जुलूस मरहूम इकबाल हुसैन रिज़वी द्वारा स्थापित हल्लौर एसोसिएशन के बैनर तले अपनी 47 साल पुरानी परम्परा को कायम रखते हुए मोहल्ला खूनीपुर से निकला। इससे पहले महिलाओं द्वारा मजलिस व माताम किया गया।
जूलूस के इंतेजार में लोग सड़को, गलीयों और छतों पर जंजीर और कमा (छोटी तलवार) का मातमी जुलूस देखने के लिए जमे रहे। ज़ंजीरी मातम और कमां का मातम देख कर अकीदत मन्दों की आखें नम हो गयी। हर तरफ या हुसैन, या हुसैन की सदा गूज़ रही थी। मातमी जुलूस खूनीपुर चौराहे से अंजुमन इस्लामिया पहुचा तो वहां हल्लौर से आये नफीस सैयद ने इमाम हुसैन की शहादत पर प्रकाश डाला। जुलूस में हल्लौर से आये नौहाखां नफीस सैयद, कमियाब बब्लू, मोहम्मद हैदर शब्लू, बशारत, मुमताज़ और फैजी ने अपने कलाम से माहौल को और गमगीन बना दिया।
जुलूस में हल्लौर से आये जिशान हैदर चिक्के, कामियाब, अरमान, शादाब के अलावा कस्बा हल्लौर से आये लोगों ने कमां और जंजीरों का मातम किया। मातमी जुलूस अंजुमन इस्लामिया से होता हुआ नखास चौक से रेती चौक होते हुए गीताप्रेस रोड स्थित इमामबाड़ा आगा साहेबान मे पहुंचा जहां हल्लौर एसोसिएशन की जानिब से मजलिसे हुई। जुलूस के समापन पर एसोसिएशन के अध्यक्ष ई0 कैसर रिजवी ने इमामबाड़ा आगा सहेबान के निगरां आगा अली मोहम्मद , शासन-प्रशासन, मीडियाकर्मीयों तथा जूलूस में शामिल आम नागरिकों को उनके सहयोग के लिए शुक्रिया अदा करते हुए समापन की घोषणा की। जूलूस की सरपरस्ती हाजी नायाब हैदर, अनवर अब्बास, अली जमाल नासिर, ने की।
जुलूस इंजार्ज कमाल रिज़वी, सुल्तान हैदर, रहे, जबकि सहायक कमर अब्बास, तनवीर रिज़वी और अकील अब्बास रहे। जुलूस में कमाल असगर, शबीह रिज़वी, शहबाज अहमद, कमाल हैदर, रिजवान हैदर, आबिद रिज़वी, अकबर नासिर, हुसैन अब्बास, दिलशाद रिज़वी, खुशहाल रिज़वी, अहमर अब्बास, राशिद अब्बास, सुरूर अब्बास, शारिब रिज़वी, मोज़िजा रिज़वी और आसिफ रिज़वी की विशेष भूमिका रही।