जनपद

इंसाफ पसंद देशभक्त सुल्तान थे टीपू सुल्तान  

तुर्कमानपुर में मनाया गया टीपू सुल्तान का जन्मदिवस

गोरखपुर, 20 नवम्बर। टीपू सुल्तान का जन्मदिवस अकीदत के साथ तुर्कमानपुर स्थित शम्सी लाइब्रेरी में मनाया गया। तंजीम कारवाने अहले सुन्नत के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में दुआखानी कर ईसाले सवाब किया गया।
अकीदतमंदों को संबोधित करते हुए मौलाना अजहर शम्सी ने कहा कि हजरत टीपू सुल्तान अलैहिर्रहमां मैसूर कॆ सबसॆ महान शासक थॆ। टीपू सुल्तान का जन्म 20 नवम्बर 1750 को कर्नाटक के देवनाहल्ली हुआ था। उनका पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब था। टीपू को मैसूर के शेर के रूप में जाना जाता है। योग्य शासक के अलावा टीपू एक विद्वान, कुशल योग्य सेनापति, बहुभाषी, और कवि भी थे। दुनिया में मिसाइल का पहला प्रयोग हजरत टीपू ने किया। मादरेवतन के लिए अंग्रेजो से लड़ाई लड़ी। इंसाफ पसंद सुल्तान व देशभक्त के रुप में हमेशा याद किया जायेगा।

अध्यक्षता करते हुए मुनव्वर अहमद ने कहा कि हजरत टीपू सुल्तान के आगमन के साथ ही अंग्रेजों की साम्राज्यवादी नीति पर जबरदस्त आघात  पहुंचा।जहां एक ओर कम्पनी सरकार अपने नवजात ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार के लिए प्रयत्नशील थी तो दूसरी ओर टीपू अपनी वीरता एवं कुटनीतिज्ञता के बल पर मैसूर की सुरक्षा के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ थे। वस्तुत:18 वी शताब्दी के उत्तरार्ध में टीपू एक ऐसे महान शासक थे जिन्होंने अंग्रेजों को भारत से निकालने का प्रयत्न किया। प्रजा के तकलीफों का टीपू सुल्तान को काफी ध्यान रहता था। अत: उनके शासन काल में किसान प्रसन्न थे। वह हिन्दू व मुसलमानों को एक नजर से देखते थे।बहुत बड़े सुधारक भी थे और शासन के प्रत्यक्ष क्षेत्र में सुधार लाने कि चेष्टा की।
इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत कलाम पाक की तिलावत से हुई। नात शरीफ पढ़ी गयी।कार्यक्रम के अंत में दुआ की गयी।
इस मौके पर हाफीज हुसैन आलम, हाफिज सलमान, कारी अयूब, मोहम्मद अहमद, मोहम्मद कैफ, सैफ अली, मोहम्मद हनीफ, तनवीर अहमद सहित तमाम अकीदतमंद मौजूद रहे।⁠⁠⁠⁠

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