गोरखपुर। जिला विकास अधिकारी डा. बब्बन उपाध्याय ने कहा कि कि अल्पसंख्यकों के हित में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं और उनका फायदा भी नजर आता है लेकिन अल्पसंख्यकों को भी अपने अधिकार के प्रति जागरूक होने की जरूरत हैं।
वह आज यहां अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर विकास भवन सभागार में अध्यक्षीय संबोधन दे रहे थे।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थित बुद्धजीवियों की ओर से दिए गए सुझाव पर सहमति व्यक्त करते हुए डा. बब्बन ने कहा कि इस आयोजन के लिए बड़ी जगह ली जानी चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी सहमति जाहिर की कि अल्पसंख्यकों की योजनाओं का कार्यान्वयन के लिए गठित की गयी मानीटरिंग कमेटी बैठक आवश्य रूप से हर तीन महीने पर की जानी चाहिए। ताकि इस दौरान समस्याओं का आकलन करके उनका हल तलाश किया जा सकें। जिला विकास अधिकारी ने शिक्षा पर खासा जोर देते हुए कहा कि हमें हर तरह की शिक्षा व भाषा का ज्ञान लेना चाहिए इससे न केवल व्यक्तित्व का बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास भी होता है।
इससे पूर्व संत कबीर एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाईटी के सचिव इंजीनियर शम्स अनवर ने इस बात पर शदीद नाराजगी का इजहार किया कि आजादी के बाद से देश के अल्पसंख्यकों को सरकारों ने केवल वोट बैंक बनाकर रखा हुआ है। उनके लिए योजनाओं का ऐलान किया जाता है लेकिन जमीन स्तर पर क्रियान्वयन नहीं हो पाता हैं। उन्होंने अल्पसंख्यकों की समस्याओं को विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि केवल कब्रिस्तानों पर चाहरदीवारी से समस्यायें हल होने वाली नहीं है। जरूरी है कि जमीनी सतह पर बगैर किसी दबाव और भेदभाव के उनके हित में काम किए जायें।
सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हुए सरदार बलबीर सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही सरकारों के तरीका-ए-कार सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों को वोट बैंक समझने के बजाए सही मायने में उन्हें समाज की मुख्यधारा में शमिल करने के प्रयास किए जाने चाहिए। तभी देश का विकास संभव होगा।
हाजी सैयद तहव्वर हुसैन ने मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत रखे गए अध्यापकों को चार से तीन करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार ने बगैर किसी नोटिस के इन्हें हटा दिया। वक्फ संपत्तियों का मसला उठाते हुए यह जानना चाहा कि जिले में अब तक कितनी संपत्तियों का संरक्षण किया गया है। उन्होंने दीवान बाजार स्थित वक्फ संपत्ति का जिक्र करते हुए कहा कि 36 साल बाद हाईकोर्ट से इसका मुकदमा जीतने के बावजूद इस पर प्रशासन कब्जा दिलाने के लिए फोर्स उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं।
ईसाई समुदाय के प्रतिनिधि अमित रार्बट् ने इस बात का खुलासा किया कि उनके समुदाय के लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने संबधित विभाग के अधिकारियों से इस मसले पर खास तवज्जों देने की अपील की।
डा. गयासुद्दीन ने 15 सूत्रीय कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए बताया कि तमामतर कार्यक्रमों के बावजूद भी अल्पसंख्यकों के हालत में कोई सुधार नहीं आ रहा है। इसलिए सरकारों और संबंधित विभागों को इस बारे में चिंतन व मनन करने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर अफसोस का इजहार किया कि जिला स्तर पर बनायी गयी अल्पसंख्यक मानीटरिंग कमेटी की मीटिंग नहीं हो रही है। जिसकी वजह से समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल दिवस मना लेने से अल्पसंख्यकों को उनके अधिकार नहीं मिल जायेंगे।
शहर काजी मुफ्ती वलीउल्लाह ने कहा कि मुख्य धारा से पिछड़ चुके अल्पसंख्यकों को सरकारों द्वारा प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि जब तक यह समुदाय सम्पन्न नहीं होंगे देश का विकास अंसभव है।
सपा महानगर अध्यक्ष हाजी जियाउल इस्लाम ने कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों को उनका हक दिलाने के प्रति प्रतिबद्ध है। लेकिन यह भी जरूरी है कि अल्पसंख्यक समाज के लोग अपने अधिकारों के बारे में जागरूक हो और उसके हासिल करने के लिए कोशिश करें
सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष शहाब अंसारी ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि अल्पसंख्यकों की समस्यायें बेशुमार है और इनका संजीदगी से हल निकालने की जरूरत है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी धर्मदेव त्रिपाठी नेे विभाग की योजनाओं का विस्तृत जानकारी दी और कहा कि उनकी ओर से स्कीमों का फायदा सबंधित समुदायों तक पहुंचाने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है।
कार्यक्रम की शुरूआत कारी जलालुद्दीन ने तिलावते कुरआन पाक से की। संचालन सैयद जफर हसन ने मखसूस अंदाज में एकता, अखंडता पर आधारित मशहूर शायरों के कलामों से किया।
इस मौके पर समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार सिंह, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी केएम सिंह, विष्णु प्र्रकाश राय, शमीम अहमद, मोहम्मद इजहार खान, मोहम्मद फैजान, शहनवाज, मुफ्ती अख्तर हुसैन, मौलाना इदरीश, मौलाना शौकत नूरी, नसीम खान, नवेद आलम, बदरे आलम, डा. मिर्जा रफीउल्लाह बेग, गुरचरण सिंह, मनोज कुमार, जगत नारायण यादव, शब्बीर कुरैशी, आफताब आलम, राशिद हुसैन सहित तमाम लोग मौजूद रहे।