वर्ष 2015 के मुकाबले मरीज और मौतें दोनों बढीं
गोरखपुर, 15 दिसम्बर। इंसेफेलाइटिस से गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में मौतों का आंकड़ा 500 पार कर गया है जबकि अभी यह साल खत्म होने में एक पखवारा बचा है। वर्ष 2015 के मुकाबले इस वर्ष इंसेफेलाइटिस मरीजों की संख्या और मृत्यु दोनों में वृद्धि हुई है जो साबित करता है कि इंसेफेलाइटिस रोकथाम के दावे कारगर नहीं हुए।
वर्ष केस मौत मृत्यु दर
2006 1940 431 22.21
2007 2423 516 21.19
2008 2194 458 20.87
2009 2663 525 19.71
2010 3302 514 15.56
2011 3308 627 18.95
2012 2517 527 20.86
2013 2110 619 29.33
2014 2208 616 27.90
2015 1760 445 25.14
2016 1924 501 26.03
बीआरडी मेडिकल कालेज में इस वर्ष एक जनवरी 2016 से 12 दिसम्बर तक इंसेफेलाइटिस के कुल 1924 मरीज भर्ती हुए जिनमें से 501 की मौत हो गई। पिछले वर्ष इंसेफेलाइटिस के 1758 मरीज भर्ती हुए थे जिनमें से 442 की मौत हुई थी। मृत्यु दर भी पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ी है।
इस वर्ष जुलाई माह से ही इंसेफेलाइटिस मरीजों की संख्या बढ़ने लगी जो वर्ष के अंत तक जारी रही और इसमें कोई कमी नहीं आई।
2015 2016
माह केस मृत्यु केस मृत्यु
जनवरी 29 10 26 10
फरवरी 36 06 47 09
मार्च 57 08 35 14
अप्रैल 45 18 25 11
मई 33 08 38 16
ज्ून 61 15 46 13
जुलाई 78 22 155 23
अगस्त 331 47 418 104
सितम्बर 514 115 414 115
अक्टूबर 319 94 400 97
नवम्बर 166 58 284 71
दिसम्बर 91 44 34 18
हर वर्ष की तरह इंसेफेलाइटिस से सर्वाधिक प्रभावित जिले गोरखपुर और कुशीनगर ही रहे। गोरखपुर मंडल में बीआरडी मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल व पीएचसी-सीएचसी पर इंसेफेलाइटिस के 2752 मरीज भर्ती हुए जिसमें से 415 की मौत हो गई।