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सिद्धार्थनगर में डायल 100 का शुभारम्भ

क्राइम कन्ट्रोल के लिए किसी भी प्रदेश में नहीं है ऐसा इंतजाम-माता प्रसाद पांडेय

सिद्धार्थनगर, 19दिसम्बर। प्रदेश सरकार की अति महात्वाकांक्षी योजना डायल 100 का शुभारम्भ विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने सोमवार को पुलिस लाइन्स में आयोजित समारोह में किया। उन्होंने डायल 100 के वाहनों के झण्डी दिखाकर  रवाना किया। आत्याधुनिक डायल 100 के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि क्राइम कन्ट्रोल व पीड़ितों तक राहत पहुंचाने के लिए ऐसी व्यवस्था देश के किसी भी प्रदेश में नहीं है। प्रदेश की इस योजना का अध्ययन अन्य प्रदेश के विशेषज्ञ भी कर रहे है।

अभी तक लोगों को 100 नम्बर डायल करने पर शिकायत रहती थी कि समय से पुलिस नहीं पहुंची अथवा उन्हें न्याय नहीं मिल पाया लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। नम्बर डायल करने के 15 से 20 मिनट के अन्दर ही पुलिस पीडित के पास पहुंच जाएगी। इस आत्याधुनिक व्यवस्था को पूरी तरह से पारदर्शी बनाया गया है। जिसमें पुलिस के लोग चाहकर भी किसी को गुमराह नहीं कर सकेंगे। लोगों में सुरक्षा की भावना को मजबूत बनाने के साथ ही शांति व्यवस्था दुरुस्त रखने में भी यह योजना कारगर साबित होगी। इस व्यवस्था का लाभ हर किसी को मिलेगा। शहरी क्षेत्रों में राहत के लिए पुलिस के वाहन 15 मिनट में तो ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट के भीतर पहुंच जाएंगे। साथ ही इसी पूरी रिपोर्टिग सीधे प्रदेश मुख्यालय पर होगी। सीओ मोहम्मद अकमल के संचालन में पुलिस लाइन्स परिसर में आयोजित समारोह के दौरान सदर विधायक विजय पासवान, सीएमओ डॉ.राजेन्द्र कपूर सपा जिलाध्यक्ष अजय चौधरी के साथ पुलिस विभाग के समस्त अधिकारी आदि मौजूद रहे।

विस अध्यक्ष ने कहा कि अनुसार इस व्यवस्था से उत्तर प्रदेश पुलिस की पूरी तस्वीर ही बदल जाएगी। बशर्ते पुलिस वालों को निष्ठा के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निर्वहन करना होगा। जिससे कि सभी लोगों को इसका लाभ मिल सके। वाहनों में ऐसा सिस्टम लगाया गया है कि कोई भी जिम्मेदार चाहकर भी झूठ नहीं बोल सकेगा। पीड़ित तक पहुंचने की पूरी रिकार्डिंग भी सीधे लखनऊ में बैठे अफसर आसानी से देख सकेंगे और दोषियों को चिन्हित भी कर लेंगे।

डायल 100 के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस कप्तान राकेश शंकर ने बताया कि पूरे सिस्टम की निगरानी के लिए लखनऊ में सबसे बड़ा मोबाइल डाटा टर्मिनल बनाया गया है। जिसके माध्यम से सभी प्रकार के डाटा को आटो स्टोर किया जाएगा। इतना ही नहीं इस व्यवस्था की निगरानी के लिए सबसे बड़ा मानीटरिंग सेल बनाया गया है। जिसके माध्यम से सभी जिलों के प्रत्येक पुलिस वाहन की वास्तविक स्थिति का भी पता उच्चाधिकारियों को रहेगा। पुलिस कर्मचारी चाहकर भी किसी को गुमराह नहीं कर सकेंगे। जिले में वाहनों के लिए 58 रूट बनाए गए है। जिनके माध्यम से पीड़ित तक शहर में पुलिस 15 मिनट में तो ग्रामीण क्षेत्र में महज 20 मिनट के अन्दर पहुंच कर राहत पहुंचाने का काम करेगी। वाहनों में सिस्टम के माध्यम से आटो मेटिक तरीके से पीड़ित की बातचीत को भी सीधे लखनऊ ट्रासफर कर दिया जाएगा। साथ ही मामले के निस्तारण की भी जानकारी ऑनलाइन अपडेट हो जाएगी।