कुशीनगर , 4 जनवरी। कसया क्षेत्र के गांव कनखोरिया में बुधवार को एक लड़की ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर पुरुष प्रधान समाज की बन्दिशों को तोड़ने का कार्य किया।
यह साहस दिखाया निर्धन परिवार से ताल्लुक रखने वाली कक्षा 5 की छात्रा सोनी ने। सोनी के पिता बैजनाथ जायसवाल को एक वर्ष से कैंसर था। गरीबी के चलते उनकी 6 कट्टा जमीन इलाज करने में बिक गयी फिर भी उनका ठीक से इलाज न हो सका। मंगलवार की देर रात उनकी मौत हो गयी। पिता की अर्थी दरवाजे पर पड़ा देख सोनी की हिम्मत जबाब दे गयी और बेसुध होकर गिर पड़ी ऐसी ही हालत उसके माँ की भी हो गयी। परिवार में कोई पुरुष सदस्य न होने के कारण सवाल उठ रहा था कि चिता को आग कौन देगा। तब सनी ने अपनी माँ को हिम्मत बढ़ाते हुए पिता की चिता को को मुखाग्नि देने का फैसला लिया। वह चिता को कंधा देते हुए गांव के बाहर बाड़ीपुल स्थित शमशान घाट गई और पिता की चिता को मुखाग्नि देकर समाज के बंदिश को तोड़ नई नजीर पेश की। सोनी ने बताया की सरकारी योजना के नाम पर उसके पास एक अदद राशन कार्ड तक नही है। वह आगे पढ़ाई जरी रख कर परिवार की परवरिश करना चाहती है। यही उसका उद्देश्य है।