सग़ीर ए खाकसार
वरिष्ठ पत्रकार
सिद्धार्थनगर, 11 जनवरी। नेपाल में पूर्व नरेश पृथ्वी नारायण शाह की 295वीं जयंती को एकता दिवस के रुप में मनाया गया। नेपाल के विभिन्न हिस्सों में जयंती मनाई गयी।पूर्व राजा को छोटे-छोटे भूभागों में बंटे नेपाल के एकीकरण के लिए जाना जाता है।
देश की राजधानी से लेकर मधेस तक में पूर्व राजा की जयंती को धूम धाम से मनाया गया। राष्ट्रीय प्रजा तंत्र पार्टी के अध्यक्ष कमल थापा ने सिंह दरबार स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि शाह ने ही नेपाल को विश्व धरातल पर पहचान दिलाई। उनके जन्म दिन पर सार्वजनिक अवकाश न होना अनुचित है। शिव सेना नेपाल ने काठमा्न्डू में 108 मीटर लंबा माल्यार्पण कर अपने तरीके से श्रद्धान्जलि दी।वहीं गोरखा समाज ने काठमाण्डु में शाह की तस्वीर को सजा कर नगर भ्रमण किया। समाज के संस्थापक अध्यक्ष डॉ उपेंद्र देव कोटा ने उन्हें राष्ट्र का निर्माता बताया।
इधर,सरहद से सटे कृष्ण नगर नेपाल में भी शाह के जन्म दिन को एकता दिवस के रूप में मनाया गया। कृष्णनगर से चंद्रौटा तक विशाल शोभा यात्रा निकाली गयी। नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने और संघीयता को ख़ारिज करने की भी मांग की गयी। शोभा यात्रा कृष्णानगर के भंसार कार्यालय से शुरु हुई और गोलघर चौराहे पर एक जनसभा के रुप में बदल गयी जिसके मुख्य अतिथि डा रूद्र प्रताप शाह रहे। उन्होंने कहा की जाति-भाषा के आधार पर देश को विभक्त करना नितांत गलत है। डॉ शाह ने कहा क़ि नेपाल के एकीकरण में पूर्व नरेश के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। नेपाल मुक्ति मंच, कपिलवस्तु के अध्यक्ष श्याम मिश्रा ने कहा है क़ि पृथ्वीनारायण शाह के जन्म दिन पौष 27 गते को राष्ट्रीय पर्व व अवकाश घोषित किया जाना चाहिए।यही पूर्व नरेश को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। श्री मिश्र ने कहा कि इस महत्वपूर्ण दिन की अब तक की सरकारों ने उपेक्षा की है जो बहुत ही दुखद है। शोभा यात्रा में लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर डॉ. राकेश प्रताप शाह, नदीम खान, प्रेमशंकर शुक्ल, जयप्रकाश गुप्ता, सुधीर चौधरी, संजय गुप्ता, दुर्गेश त्रिपाठी, शिव नारायण गिरी, सुनील श्रीवास्तव, नफीस अहमद, अजय थापा, भूमिराज भट्टराई, सहित तमाम क्षेत्रीय जन मौजूद रहे।