बस्ती , 10 अप्रैल। शंभूशरण पाल हत्याकांड में पूर्व मंत्री रामकरन आर्य को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपए अर्थदंड की सजा मिली है। जिला जज अनिल कुमार पुण्डीर की अदालत ने सोमवार को सजा सुनाई।
श्री आर्य पर 23 नवम्बर 1994 को तत्कालीन सदर विधायक जगदम्बिका पाल के चचेरे भाई व कांग्रेस नेता शंभूशरण पाल की गोली मारकर हत्या करने का आरोप था। मुकदमा कोतवाली थाने में शंभूशरण के चचेरे भाई जयबक्श पाल ने दर्ज कराया था।
जयबक्श पाल ने तहरीर में पुलिस को बताया था कि 23 नवम्बर 1994 को दिन में करीब बारह बजे शहर के फौव्वारा तिराहा से आवास-विकास गेट के बीच काली मंदिर के पास नगर पूरब के विधायक रामकरन आर्य ने शंभूशरण पाल की जीप के आगे अपनी गाड़ी खड़ा कर रोक लिया। तीन गनर और छह अन्य साथियों के साथ शंभूशरण को घेरकर अपनी लाइसेन्सी डबल बैरल बन्दूक से एक गोली शंभूशरण पाल को मार दी। मौके पर ही शंभूशरण की मौत हो गई। हत्या के दूसरे दिन रामकरन आर्य को पुलिस ने बलरामपुर से गिरफ्तार कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट से मुकदमा निस्तारण की समय सीमा निर्धारित होने के 22 साल बाद इस केस का फैसला आया है। इस केस में साक्ष्य के अभाव में अन्य नौ आरोपित बरी हो गए। वादी ने कहा कि बरी हुए लोगों के खिलाफ वह ऊपर की कोर्ट में अपील कर करेंगे।