140 बच्चों को मुफ्त तालीम दी जाती है यहाँ
गोरखपुर, 25 मई। वह गरीब बच्चों का बचपन संवार रहा हैं। खेलने कूदने की खुशी मयस्सर कर रहा है। लिखने-पढ़ने की सलाहियत विकसित कर रहा हैं। ऐसा मकतब जिसने झोपड़ी से अपने सफर का आगाज किया और आज खुद की छोटी सी इमारत में हैं।
1800 स्कवॉयर फुट में बना हैं मोहल्ला गाजी रौजा में स्थित ‘गाजी मकतब’। इस मकतब में तालीम पाने वाले छोटे-छोटे गरीब घरों के बच्चे हैं। यहां करीब 140 बच्चे-बच्चियां पढ़ते हैं। यहां मुफ्त तालीम दी जाती हैं साथ ही बच्चों को ड्रेस, स्टेशनरी व ईद बकरीद में कपड़ा भी मुफ्त दिया जाता हैं। यह मकतब सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में दर्ज हैं।
आम मुसलमानों में दीनी व दुनियावी तालीम के प्रति जागरुकता पैदा करने और उन्हें इस्लामी तालीमात से वाकिफ कराने के लिए ‘ गाजी मकतब’ के नाम से शुरु की गई मुहीम अहिस्ता-अहिस्ता परवान चढ़ रही हैं। इसका अंदाजा यहां तालीम हासिल कर रहे बच्चों की काबिलीयत को देखकर आसानी से लगाया जा सकता हैं। फरजाना नईम मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी के बैनर तले शहर के दरम्यिान में गाजी रौजा में ये मकतब कायम हैं। जहां मुफ्त तालीम दी जा रही हैं और सैकड़ों बच्चे इससे फायदा हासिल कर रहे हैं।
‘गाजी मकतब’ में आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों को तालीम दी जा रही हैं। यहीं वजह हैं कि बहुत कम मुद्दत में ही यह आवाम में मकबूलियत हासिल कर चुका हैं। वहीं बच्चों की तादाद भी बढ़ती जा रही हैं। सोसाइटी के सेकेट्ररी काजी ईनामुर्रहमान के मुताबिक मुफ्त इस्लामी तालीम के केंद्र ‘गाजी मकतब’ को मां मरहूमा फरजाना रहमान की याद में शुरु किया गया हैं। वह बताते हैं कि मां इमामबाड़ा स्कूल में शिक्षिका थीं। उन्हें पढ़ने-पढ़ाने बहुत शौक था। उनकी ख्वाहिश थीं कि कौम का हर बच्चा दीनी व दुनियावी तालीम हासिल करके दीन व आखिरत में कामयाब हो जायें। इसलिए वह स्कूल के बाद बच्चों को गाइड करती रहती थीं।
काजी ईनाम कहते हैं कि 1 मार्च 2015 को इस मकतब में तालीमी सरगर्मियों का आगाज हुआ था लेकिन देखते ही देखते इसकी मकबूलियत बढ़ती चली गई। जिसके बाद शहर के विभिन्न हिस्सों से बच्चे तालीम हासिल करने की गर्ज से यहां आने लगे।
वह बताते हैं कि गाजी मकतब में फिलहाल एक बड़ा हाल हैं। ईद के बाद ऊपर की इमारत तामीर होगी जिसमें कम्पयूटर व सिलाई कटाई का प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। मौजूदा वक्त में यहां करीब 140 बच्चे तालीम हासिल कर रहे हैं। जिन्हें चार शिक्षक मौलाना अफरोज, शमीमा आफाक, आमना रहमान आदि बच्चों को तालीम से संवार रहे हैं।
काजी ईनाम बताते हैं कि यहां बच्चों को किताब और स्टेशनरी के सामानों के अलावा ड्रेस मुफ्त दिया जाता हैं। पढ़ाई-लिखाई पर होने वाले खर्च के लिए आवाम व सोसाइटी मिलकर प्रयास करते हैं।