एम.ए. प्रथम वर्ष के 22 छात्रों का भविष्य अधर में लटका
विश्वविद्यालय ने एडमिशन को अवैध बताया
प्रभावित छात्रों ने दिया धरना, की नारेबाजी
गोरखपुर , 18 मई। दी.द.उ. गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशाशन की लापरवाही से एम.ए. प्रथम वर्ष के 22 छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। पहला सेमेस्टर पास कर लेने के बाद विश्वविद्यालय ने इन छात्रों का एडमिशन ही अवैध करारा दे दिया है।
सत्र 2016-17 एम.ए. प्रथम वर्ष के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा पास कर लेने और उसका अंकपत्र मिल जाने के बाद 22 छात्रों को अगले सेमेस्टर में प्रवेश लेने के समय, बीए से एमए के बीच 3 वर्ष से ज्यादा समय का गैप होने का कारण विश्वविद्यालय प्रशासन ने 22 छात्रों का एम ए में प्रवेश ही अवैध घोषित कर दिया है और अगले सेमेस्टर में प्रवेश लेने से मना कर दिया ।
आज इसी प्रकरण में पीड़ित छात्रों ने प्रशाशनिक भवन पर धरना देकर अपने सतह हुए अन्याय के लिए विश्वविद्द्यालय प्रशाशन को जिम्मेदार बताया। इसी दौरान धरना स्थल पर पहुँचे छात्रसंघ अध्यक्ष अमन यादव और छात्रसंघ की तरफ से पीड़ित छात्रो के साथ मामले को लेकर कुलपति से वार्ता की परंतु कोई समाधान नही निकला।कुलपति ने प्रवेश समिति के निर्णय पर कोई बदलाव न करने को कहा करने और कोर्ट जाने को कहा।
छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि बातचीत में कुलपति का रवैया नकारात्मक रहा । इस मामले को लेकर छात्रसंघ पदाधिकारियों से वार्ता विफल होने और कुलपति द्वारा संवेदनहीनता दिखाते हुए कोर्ट जाने की बात कहने से छात्र आक्रोशित हो गए और कुलपति और विश्वविद्द्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की ।
बाद में छात्रो ने छात्रसंघ भवन में बैठक कर छत्रों को न्याय दिलाने हेतु आंदोलन छेड़ने पर विचार विमर्श किया । बैठक में उपस्थित छात्रो को संबोधित करते हुए छात्रसंघ अध्यक्ष अमन यादव ने कहा की ये विभागीय लापरवाही है और इसकी सजा छात्रो के देना आन्याय पूर्ण है।हम छात्रो की समस्या के समाधान के लिए हर स्तर का आन्दोलन करेंगे और विश्वविद्ध्यालय प्रशासंन के छात्र विरोधी रवैये का कड़ाई से जवाब देंगे। उन्होंने पीड़ित छात्रो को भरोसा दिलाते हुए कहा की किसी भी हाल में आपका प्रवेश निरस्त नहीं होने दिया जायेगा भले ही सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ाई लड़नी पड़े ।
अम्बेडकरवादी छात्रसभा के अध्यक्ष अमर सिंह पासवान ने कहा कि छात्रो के साथ अन्याय नही होने दिया जाएगा, और इसके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ भी मोर्चा खोल जाएगा ताकि भविष्य में छात्रो के साथ ऐसा खिलवाड़ न हो पाए। .
पिछले चुनाव में छात्रसंघ महामंत्री पद प्रत्याशी रहे पीड़ित छात्र पवन कुमार ने कहा कि ये सरासर अन्याय हैं और इस अन्याय पर कुलपति का रवैया निंदनीय है। इस बात से इनकार नही किया जा सकता है कि पिछले छात्रसंघ चुनाव में मेरी लोकप्रियता को देखते हुए मुझे आगामी छात्रसंघ चुनाव में भाग लेने से रोकने का विभागीय प्रयास है। अब आंदोलन की भाषा इन्हें छात्रो की ताकत का एहसास कराया जाएगा । .
इस अवसर पर डॉ हितेश सिंह , कुमारी आकांशा, छात्र नेता शिवशंकर गौंड़, कुलदीप यादव, कमलेश यादव, भास्कर चौधरी, सत्येंद्र भारती, शैलेश कुमार, राजीव यादव, शिवम निषाद, सोनू सिद्धार्थ, विवेक चौधरी, राहुल चंद्रावत, संतोष कुमार, संतोष यादव समेत भारी संख्या में छात्र मौजूद रहे ।