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जीएसटी के विरोध में गोरखपुर में तीन दिन तक बंद रहीं कपड़े की दुकानें

बंदी के तीसरे दिन व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया
आज से दुकान खोलेंगे ने काली पट्टी बांध जीएसटी का विरोध जारी रखेंगे व्यापारी
गोरखपुर, 30 जून। कपड़ा व्यापार को जीएसटी के दायरे में लाने के विरोध में गोरखपुर के कपड़ा व्यापारियों ने तीन दिन 27, 28 व 29 जुलाई को अपनी दुकानें बंद रखीं। कपड़ा व्यापारियों की दुकान बंदी से तीन दिन में 70 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ। तीन दिन बाद आज कपड़ा व्यापारी दुकानें तो खोल रहे हैं लेकिन वे काली पट्टी बांध कर विरोध जारी रखेंगे।

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कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि कपड़ा अभी तक टैक्स के दायरे से बाहर था। व्यपारी इनकम टैक्स देते थे। अब कपड़ा व्यपार को भी जीएसटी के दायरे में ला दिया गया है और पांच से अठारह फीसदी तक टैक्स लगा दिया गया है। इससे कपड़ा व्यवसाय करना बहुत मुश्किल हो गया है। पहले मंगाए गए स्टाॅक का क्या होगा, यह अलग से चिंता का विषय है। कपड़ा व्यापारियों की माग है कि उन्हें जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाए।

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इस मांग को लेकर थोक वस्त्र वेलफेयर सोसाइटी के आह्वान पर कपड़ा व्यापारियों ने 27, 28 व 29 जुलाई को तीन दिन तक अपनी दुकानें बंद रखीं। इससे उर्दू बाजार, माया बाजार, गीता प्रेस, पांडेयहाता आदि स्थानों पर कपड़े की दुकानें पूरी तरह बंद रहीं। ये स्थान कपड़ा व्यापार के प्रमुख केन्द्र हैं।

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बंदी के तीसरे दिन थोक वस्त्र वेलफेयर सोसाइटी ने चेतना तिरोह पर प्रदर्शन व सभा की। इसके बाद व्यापारियों ने यहां से माया सिनेप्लेक्स तक जुलूस निकाला। जुलूस, प्रदर्शन व सभा में एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश निभानी, बलराम अग्रवाल, चंद्रेश निगम, शिव कुमार अग्रवाल, केशव अग्रवाल आदि शामिल थे। एसोसिएशन ने कहा कि तीन दिन बाद शुक्रवार से कपड़ा व्यापारी अपनी दुकानें तो खोलेंगे लेकिन काली पट्टी बांध कर जीएसटी का विरोध जारी रखेंगे।

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