कुछ स्थानों पर दिखा बहिष्कार का असर
सग़ीर ए ख़ाकसार/वरिष्ठ पत्रकार
बढनी (सिद्धार्थ नगर), 28 जून। पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल में दूसरे चरण का चुनाव हिंसा की कुछ घटनाओं और बहिष्कार के बीच सम्पन्न हो गया।मतदाताओं में गजब का उत्साह दिखा। बीस साल बाद हो रहे स्थानीय निकाय के चुनाव में लोगों ने बड़े उत्साह से मतदान किया। करीब 73 फीसदी से ज़्यादा मतदान हुआ।
स्थानीय निकाय के चुनाव के मद्दे नज़र अभूत पूर्व तैयारी की गयी थी। सुरक्षा के कड़े इंतेज़ाम किये गए थे। मतदान के दिन भारत नेपाल सीमा पूरी तरह सील रही। आवागमन बिल्कुल बंद रहा। सीमा पर तैनात एस एस बी व अन्य एजेंसियां पूरी तरह सतर्क रहीं।
नेपाल से मिल रही खबरों के मुताबिक राजपा नेता ह्रदयेश त्रिपाठी का गढ़ समझे जाने वाले नवलपरासी में चुनाव बहिष्कार किया गया। भुजहवा मतदान केंद्र पर दोपहर दो बजे तक सिर्फ दो मत पड़े। इसके अलावा सोलुखुम्बू के तिंगला से भी चुनाव बहिष्कार की खबर मिली है। बझांग के जय पृथवी में विवाद के बाद मतदान स्थगित कर दिया गया । खबरों के मुताबिक रोल्पा नगर पालिका के एक मतदान केंद्र में एक मतदाता ने मतपेटिका में एसिड डाल दिया जिससे मतपेटिका में आग लग गयी। उस केंद्र पर 150 मत पड़ चुके थे। वहां भी मतदान स्थगित कर दिया गया है। दांग जिले के तुलसीपुर के एक मतदान केंद्र पर एक बम बाहर से फेंका गया जिसे एक हवलदार ने ज़मीन पर गिरने से पहले ही हाथ में कैच कर लिया और उसे मतदान केंद्र के बाहर फेंक दिया। हवलदार दुर्ग बहादुर राणा के इस बहादुरी की चर्चा सर्वत्र हो रही है।
निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता सूर्य प्रसाद शर्मा के अनुसार पहले चरण की तरह दूसरे चरण में मतदाताओं में उत्साह देखा गया।श्री शर्मा ने कहा कि अभी विस्तृत रिपोर्ट आनी बाकी है।शाम पांच बजे तक 73 फीसदी से ज्यादा मतदान होने की संभावना है। दूसरे चरण के चुनाव में तीन प्रदेशों के 8 हज़ार से भी अधिक मतदान केंद्रों पर डेढ़ लाख से भी ज़्यादा सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गयी थी।यही नहीं संवेदन शील समझे जाने वाले मतदान केंद्रों पर सेना के जवान भी मुस्तैद दिखे।हालांकि मधेशवादी वादी राजपा ने सेना परिचालन को सरकार की तानाशाही की बताया है।राजपा के युवा नेता राकेश रोशन यादव ने कहा सेना परिचालन सरकार की तानाशाही पूर्ण रवैये को दर्शाता है। वह मधेसियों को गुलामी की जंजीर में जकड़ना चाहती है । बताते चलें कि राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल में हो रहे चुनाव का विरोध कर रही है। हालांकि उसके कुछ कार्यकर्ताओं के निर्दल उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की भी चर्चा है।
निर्वाचन आयोग के अनुसार नेपाल के प्रदेश संख्या एक ,पांच व सात के 35 जिलों के 3सौ 34 पदों के लिए दूसरे चरण में आज चुनाव हुआ है।जिसमें 1 महानगर पालिका,7 उपमहानगर पालिका,111 नगर पालिका व 215 गांव पालिका शामिल है।कुल 64 लाख 32 हज़ार 7 सौ 65 मतदाता 15 हज़ार 38 प्रतिनिधि चुनेगें।
आयोग के अनुसार नेपाली संविधान तथा स्थानीय तह निर्वाचन कानून 2073 के मुताबिक महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए उन्हें राजनैतिक रूप से सबल बनाने के उद्देश्य से महिला प्रतिनिधियों को प्रमुखता दी गयी है। नगर पालिका के प्रमुख/उप प्रमुख तथा गांव पालिका के अध्यक्ष /उपाध्यक्ष पदों में एक एक पद महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। यही नहीं महिला , दलित,अल्पसंख्यकों के मनोयन दस्तूर में भी 50 फीसदी की छूट दी गयी है।दूसरे चरण के चुनाव में 66 हज़ार 9 सौ कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण चुनाव कराने में अपनी महती ज़िम्मेदारी निभाई।
लुम्बिनी में करीब 346 मतदान स्थल अतिसंवेदनशील तथा लगभग 245 स्थल को संवेदनशील घोषित किये गए थे। यहां से फिलहाल किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। मधेशवादी दल राजपा के विरोध के बावजूद तीन प्रदेशों में शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव सम्पन्न होने पर चुनाव आयोग और सरकार ने राहत की सांस ली है।