गोरखपुर, 12 अगस्त। बीआरडी मेडिकल कालेज में आक्सीजन की कमी से बच्चों व अन्य मरीजों की बडी संख्या में मौत के मामले में जिला प्रशासन ने एडीएम सिटी के नेतृृत्व में चार अफसरों की कमेेटी गठित की है। यह कमेटी जांच करेगी कि क्या बच्चों की मौत असामान्य है और लिक्विड आक्सीजन की सप्लाई करने वाली कम्पनी को भुगतान में विलम्ब क्यों हुआ ?
एक तरफ डीएम राजीव रौतेला ने मीडिया से बात करते हुए इस कमेटी के गठन का ऐलान किया तो दूसरी तरफ जोर देकर यह भी कहा कि आक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई। स्वास्थ्य मंत्री ने भी यही बात कही है और राज्य सरकार के प्रवक्ता ने भी यही बात कही है।
सवाल उठता है कि जब सरकार और प्रशासन ने पहले ही निर्णय सुना दिया कि आक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है तो जांच कमेटी गठित करने का औचित्य ही क्या रह जाता है ?
दूसरे विंदु पर जांच कराने का मतलब किसी को बलि का बकरा बनाना है क्योंकि लिक्विड आक्सीजन सप्लाई करने वाली कम्पनी के बकाए के बारे में सभी को जानकारी थी, फिर भी भुगतान क्यों नहीं हुआ, आक्सीजन की सप्लाई क्यों रूकी इसकी जिम्मेदारी से हर कोई बचना चाहता है। देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार इसके लिए किसको जिम्मेदार ठहराया जाएगा।