कुशीनगर, 26 अगस्त. नेपाल चितवन निकुंज के वन अधिकारियों और वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अधिकारियों के संयुक्त अभियान में आज दोपहर बाद एक और गैंडे को नेपाल के दो नाहर के बीच केवलआनि क्षेत्र से रेस्क्यू किया गया.
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल 2 के डीएफओ अमित कुमार ने बताया कि गंडक नदी के तेज बहाव में चितवन नेपाल के कई वन्य जीव वाल्मीकि टाइगर रिजर्व समेत नेपाल और यूपी के तटवर्ती क्षेत्रों में पहुंच गए हैं. नेपाली वन अधिकारियों के सहयोग से उनका रेस्क्यू किया जा रहा है. आज सुबह यह सूचना प्राप्त हुई थी पड़ोसी देश नेपाल के केवलआनि क्षेत्र में एक गेंडे के फुटप्रिंट मिले हैं. इस सूचना पर वन अधिकारियों की टीम ने उस क्षेत्र में सर्च अभियान शुरु कर दिया और घंटों की मेहनत के बाद दोपहर के बाद गैंडे को रेस्क्यू कर लिया गया
9 और गैंडों की अभी मिल रही सूचना
गंडक नदी में आए पानी के तेज बहाव में बहकर आए गैंडों का सही अनुमान वन प्रशासन भी नहीं लगा पाया है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल 2 के डीएफओ अमित कुमार ने बताया कि 6 गैंडों का अब तक रेस्क्यू किया गया है जबकि 9 और गैंडों के अभी और होने की सूचना प्राप्त हो रही है उन्होंने बताया कि बिहार-यूपी की सीमा पर स्थित सोहगीबरवा क्षेत्र में नारायणपुर के निकट 2 गैंडों के होने के प्रमाण मिले हैं तथा खड्डा क्षेत्र में भी दो और गैंडों के फुटप्रिंट मिल रहा है इसके अलावा नेपाल के नरसैयां क्षेत्र में 3 गैंडों फुटप्रिंट प्राप्त हुए हैं जबकि चुल भट्ठा वन क्षेत्र में 2 गैंडे विचरण कर रहे हैं. इन सभी गैंडों पर नेपाली वन प्रशासन सहित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अधिकारी और कर्मी अपनी चौकस निगाह रखकर कार्यवाही कर रहे हैं. शीघ्र ही इन सभी गैंडों को रेस्क्यू करके नेपाली बन प्रशासन को सौंप दिया जाएगा.