लखनऊ , 3 अगस्त. आज शाम 3 बजे अराजक त्तवों ने आइसा नेता रत्न सेन बादल के साथ मार पीट की और इउनकी जाति को लेकर भद्दी गलियां दीं. आइसा नेताओं का आरोप है कि दलित समुदाय से आने वाले रतन सेन बादल पर एबीवीपी-समर्थित गुंडों ने हमला किया.
आइसा नेता नितिन राज ने कहा इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आइसा के सदस्यों पर योजनाबद्ध तरके से हमला हो रहा है और एक विचारधारा विशेष को दबाने की कोशिश की जा रही है। छात्र रत्न सेन बादल पर हमला पूरे दलित समुदाय पर हमला है।
आइसा के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य का कहना है कि दलित छात्र चाहे वह रोहित वेमुला हो या आज रत्न सेन बादल हो; इस तरह के हमलों पर प्रशासन कोई रूख स्पष्ट नहीं कर रहा है। आरोपियों पर कोई कार्रवाई भी नहीं हो रही है।
आइसा इसकी कड़ी शब्दों में निन्दा करता है और माँग करता है कि अराजक त्तवों का विवि परिसर में त्तकाल प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की राज्य स्थायी समिति (स्टैन्डिंग कमेटी) सदस्य अरुण कुमार ने इसे भगवा गुंडागर्दी बताते हुए हमलावरों को गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि योगी राज में लोकतंत्र की आवाज को बलपूर्वक दबाने की कोशिश हो रही है और दलितों को खास निशाना बनाया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन भी ऐसे गुंडा व अराजक तत्वों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न कर उनका मनोबल बढ़ाने में मददगार की भूमिका निभा रहा है। इसके चलते आइसा नेताओं पर परिसर में बार-बार शारीरिक हमले हो रहे हैं। कुछ समय पूर्व, ऐपवा की राष्ट्रीय सचिव कविता कृष्णन पर भी एक कार्यक्रम के दौरान लविवि परिसर में एबीवीपी वालों ने हमले के साथ अभद्रता की थी। उसमें भी हमलावरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।