गोरखपुर , 8 अगस्त. आल इण्डिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया गोरखपुर शाखा की बैठक आज मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के सभागार में हुई जिसमें मदरसों की बार -बार जाँच, स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रमों की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराने के निर्देश पर नाराजगी प्रकट की गई. बैठक में मदरसा संचालकों ने मदरसों से देशभक्ति का सबूत मांगने को अफसोसनाक और निंदनीय बताया.
बैठक की अध्यक्षता मौलाना कुतबुद्दीन निजामी तथा संचालन हाफिज नजरे आलम कादरी ने की। बैठक में मुख्य रूप से राष्ट्रीय पर्वों के सबंध में रजिस्ट्रार उप्र मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा जारी पत्र के अलावा मदरसों की बार-बार जांच, मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के मानदेय और मिनी आईटीआई की समस्याओं पर चर्चा हुई।
इस अवसर संगठन के महासचिव हाफिज नजरे आलम कादरी ने कहा कि मदरसों में राष्ट्रीय पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ प्रत्येक वर्ष मनाया जाता हैं लेकिन इस बार मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार ने पत्र भेज कर प्रोग्राम की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराकर जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में भेजने का निर्देश दिया हैं। उन्होंने कहा कि हमें परिषद के हुक्मनामे पर ऐतराज नहीं है लेकिन इसके लिए शर्तों के साथ पत्र जारी करने पर शुब्हा जरूर होता है। श्री कादरी ने कहा कि मदरसों ने देश की आजादी के लिए बहुमूल्य योगदान दिया है। आजादी का बिगुल भी सबसे पहले मदरसों के उलेमा ने ही फूंका था और जान की कुर्बानियां पेश की थीं फिर भी हमारी देशभक्ति पर सवाल किया जाना अफसोसनाक ही नहीं बल्कि निदंनीय भी हैं।
मौलाना शौकत अली नूरी ने कहा कि मदरसों में दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियवी तालीम (आधुनिक शिक्षा) भी दी जा रही हैं ताकि मदरसों से निकलने वाले छात्र-छात्राएं देश की मुख्यधारा से जुड़ सकें। आजकल मदरसों में आधुनिकता की बयार बह रही है फिर भी मदरसों को शक की निगाह से देखा जाता हैं। उन्होंने तमाम मदरसों के जिम्मेदारान से अपील की कि वह एकजुट रहें और छात्र-छात्राओं को शिक्षा देकर देश की तरक्की में योगदान देते रहें।
संगठन के जिलाध्यक्ष मौलाना कुतबुद्दीन निजामी ने कहा कि मदरसों की जांच कराया जाना ठीक हैं लेकिन बार-बार जांच कराने से पूरा फोकस उसी पर चला जाता हैं और तालीमी निजाम प्रभावित होता है। उन्होंने मदरसों से अपने समस्त पत्रवालियां, अभिलेख आदि को सही ढ़ग से रखने एवं पठन-पाठन पर पूरा ध्यान देने की अपील भी की। मोहम्मद आजम व नवेद आलम ने मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के मानदेय की समस्या बयान करते हुए सरकार से इस ओर ध्यान देने की मांग की।
बैठक में डा. मंजूर आलम, कारी नसीमुल्लाह, नूरूज्जमां मिस्बाही, मोहम्मद सिद्दीक, डा. अब्दुल करीम, बदीउज्जमा, मुस्तफा हुसैन, बदरे आलम, कारी तनवीर अहमद, मो. मोइनुलहक, जमील अख्तर, हाफिज शकिर अली, मो. इदरीस, मो. इस्माईल खान, फैयाज अहमद, इरशाद अहमद, फखरुद्दीन अहमद, वाहिद अली, महताब, शेफ्ता अंजुम, रामवीर मौर्या, अबू अहमद, मो. सरफुद्दीन, नवेद आलम, मो. कासिम, मुफ्ती अख्तर हुसैन, मो. अबरार, मो. मन्नान, मो. हाशिम, मो. सरफराज, मोहम्मद आजम, निसार अहमद, आदि लोग मौजूद रहे।