-पूर्व रॉ अधिकारी आरएसएन सिंह की गिरफ्तारी की मांग
गोरखपुर, 15 सितम्बर। दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां नार्मल स्थित तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत के तत्वावधान में ‘रोहिंग्या मुसलमनों’ पर हो रहे जुल्म के खिलाफ गुरुवार को मुस्लिम धर्मगुरुओं ने दरगाह से जुलूस निकाला और जिलाधिकारी कार्यालय जाकर भारत सरकार को संबोधित दो सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। इससे पहले दरगाह पर ‘रोहिंग्या मुसलमानों’ के जान, माल, इज्जतों आबरु की हिफाजत के लिए दुअा की गयी।
इस दौरान सभी ने एक सुर से ‘रोहिंग्या मुसलमानों’ पर हो रही हिंसा को लेकर म्यांमार सरकार की निंदा की साथ ही पैगम्बर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले रॉ के पूर्व अधिकारी आरएसएन सिंह की गिरफ्तारी की मांग की गई. भारत सरकार से गुहार लगायी गयी कि देश में रह रहे ‘रोहिंग्या मुसलमानों’ को भारत में रहने दिया जायें।
इस मौके पर मुफ्ती अख्तर हुसैन (मुफ्ती-ए-गोरखपुर) ने कहा कि म्यांमार (बर्मा) में ‘रोहिंग्या मुस्लिमों’ के साथ जिस बर्बर तरीके से जुल्म हो रहा है वह इंसानियत को शर्मसार करने वाला है। भारत सरकार से हम उम्मीद करते हैं कि इंसानी हमदर्दी के तहत म्यांमार सरकार पर दबाव बनाए ताकि हिंसा और कत्लेआम रुक सके। उन्होंने कहा कि भारत सदियों से परेशान लोगों की मदद करता रहा है। ऐसे में सरकार ‘रोहिंग्या मुस्लिमों’ के साथ भी उसी परम्परा का निर्वहन करें।
दरगाह मस्जिद के इमाम मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने कहा कि म्यांमार में हमारे रोहिंग्या मुसलमान भाईयों के साथ बहुत बुरा और अपमान जनक व्यवहार किया जा रहा है। इन अत्याचारों के कारण ‘रोहिंग्या मुसलमान’ अपनी भूमि छोड़ने पर विवश हो रहे हैं। रोहिंग्या मुसलमानों को अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए हमें आगे आना होगा।
दरगाह सदर इकरार अहमद ने कहा कि म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय पर हो रहे जुल्म को लेकर अब देश के मुसलमानों ने भी अपनी आवाज मुखर कर दी है। इस मामले में भारत सरकार हस्तक्षेप कर कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि म्यांमार में छोटे-छोटे बच्चों का कत्ल किया जा रहा है। औरतों, बूढ़ों व नौजवानों का कत्लेआम व जुल्म हो रहा है, देश की सरकार इस मामले में तुरन्त वहां की सरकार से वार्ता कर ‘रोहिंग्या मुसलमानों’ के अधिकारों की रक्षा करें।
इस मौके पर कारी रईसुल कादरी, मौलाना मोहम्मद उमर फारुक, कारी मोहम्मद अय्यूब, मौलाना शम्सुद्दीन, हाजी मोहम्मद हाशिम, हाफिज मोहम्मद हनीफ, मौलाना मोहम्मद अहमद, मौलाना अबुल कलाम, मौलाना मोहम्मद इरफान, कारी मोहसिन, कारी अंसारुल हक, हाफिज कलीम, मौलाना जहांगीर, कारी महबूब रजा, मौलाना अफजल बरकाती, अब्दुल्लाह, मौलाना सेराजुद्दीन, मौलाना गुलाम दस्तगीर, हाफिज तबरेज अहमद , मो. हाशिम, कारी तनवीर, कारी जलालुद्दीन, फिरोज राइन, हाजी फरजंद, कुतबुद्दीन, रमजान, सैयद कबीर अहमद, हाजी कमरुद्दीन, रईस अनवर, शरफुद्दीन, महेंद्र सिंह राणा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।