शिक्षा मित्र बोले -40 हजार पाने वाले शिक्षा मित्रों को 10 हजार मानदेय देने का आदेश अपमानजनक
गोरखपुर , 6 सितम्बर। पाँच सितंबर को लखनऊ में हुई कैबिनेट बैठक में शिक्षामित्रों का मानदेय 10 हज़ार किए जाने को शिक्षा मित्रों ने नकार दिया है और इसका विरोध करते हुए आज बीएसए कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया । सरकार के निर्णय को शिक्षामित्रों ने अपमानजनक बताया.काली पट्टी बंधे शिक्षा मित्रों ने दस हज़ार मानदेय देने के आदेश की प्रति जला कर विरोध प्रदर्शित किया.
गोरखपुर में बीएसए कार्यालय पर जुटे शिक्षा मित्रों ने सरकार के इस निर्णय का जमकर विरोध किया. शिक्षामित्र संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष गदाधर दूबे ने कहा 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन रद्द किया . एक सप्ताह तक शिक्षामित्र पूरे प्रदेश में आंदोलनरत रहे. एक अगस्त को मुख्यमंत्री व शिक्षामित्र संघ के बीच वार्ता हुई और सरकार ने पंद्रह दिन का समय मांगा तथा सम्मानजनक स्थाई हल निकालने का आश्वासन दिया । मुख्यमंत्री की बातों को मानते हुए सभी शिक्षामित्रों ने स्कूलों में पठन पाठन इस शर्त पर शुरू हुआ कि पंद्रह दिन में स्थाई हल निकल जाएगा ।
उन्होंने कहा कि पंद्रह दिन बीत जाने पर कुछ नहीं हुआ तो मजबूरन लखनऊ में 21 अगस्त से 23 अगस्त तक शिक्षामित्रों ने लक्ष्मण मेला मैदान में प्रदर्शन किया । इसके बाद 23 अगस्त को एक बार फिर मुख्यमंत्री से बातचीत हुई जिसमें उन्होंने तीन दिन में रास्ता निकालने की बात कही । शासन स्तर से पाँच लोगों की समिति बनाई गई और कहा गया कि संगठन व समिति दोनो मिलकर स्थाई हल निकालेंगे । समान कार्य समान वेतन आश्रम पद्धति की तरह देने की बात कही गई । एनसीटीई के पैरा चार में संशोधनकर सभी शिक्षामित्रों को बिना टेट समायोजन बचाने की बात कही गई । ऐसा माना जा रहा था कि इसी को लागू किया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार ने शिक्षक दिवस पर शिक्षामित्रों का अपमान किया है । बड़े गर्व से शासन के लोग कह रहे हैं कि 3500 पाने वाले को सरकार दस हज़ार मानदेय दे रही है. ऐसा कोई नहीं कह रहा है कि 40 हज़ार पा रहे समायोजित शिक्षामित्रों का वेतन घटाकर दस हज़ार मानदेय कर दिया गया जो कितनी शर्मनाक बात है ।
श्री दुबे ने कहा कि समायोजन रद करने से शिक्षामित्र सदमे में हैं और मौत को गले लगा रहे हैं। मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है। दर्जनो शिक्षामित्र मौत को गले लगा चुके हैं । फ़िर भी राज्य व केंद्र सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंग रहा है । सरकार जब तक हमारी माँगो को नहीं मानेगी आंदोलन चलता रहेगा।
इस दौरान हुकुम चंद चौहान ,अजय चंद ,अविनाश कुमार ,दिग्विजय दूबे लालधर निषाद ,बेचन सिंह ,रामभजन ,अतुल राय ,अमित राय ,संजय यादव ,शिवाजी मिश्रा ,जनार्दन कुशवाहा ,लक्ष्मीनारायन ,रणविजय दूबे ,संदीप दूबे ,इंद्रेश भारती ,नृपजीत शाही ,राजीव गुप्ता ,राजेश गोंड़ ,विनोद यादव सहित सैकड़ो शिक्षामित्र जूटे रहे ।