आरएसएस द्वारा बनाये गए संगठन ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ‘ ने आज अयोध्या में किया था जलसा-ए-पैगामे मोहब्बत कार्यक्रम
कहा गया था कि मदरसों की समस्यायों पर चर्चा होगी लेकिन वहां राम जन्म भूमि पर चर्चा होता देख वापस लौटे मदरसा शिक्षक
गोरखपुर, 17 सितम्बर। आरएसएस द्वारा बनाये गए संगठन ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच’ के आज अयोध्या में आयोजित प्रोग्राम में अनुदानित व गैर अनुदानित मदरसों के शिक्षकों को बुलाये जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया. मदरसा शिक्षकों का कहना है कि हमें अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों ने यह कह कर बुलाया था कि कार्यक्रम सरकारी है और इसमें मदरसों की समस्याओं पर चर्चा होगी लेकिन वहां जाने पर पता चला कि कार्यक्रम आरएसएस का है और चर्चा रामजन्म भूमि की हो रही है.
इस कार्यक्रम में शरीक होने गोरखपुर शहर काजी मुफ्ती वलीउल्लाह सहित अनुदानित व गैर अनुदानित मदरसों के करीब 200 मुस्लिम धर्मगुरु व शिक्षक गए थे लेकिन हकीकत समझ्ने के बाद वे वहां से लौट आये.
गोरखपुर से गए मदरसा शिक्षकों ने बताया कि विभाग द्वारा हमें बताया गया था कि अयोध्या के रामकथा पार्क में 17 सितंबर को सरकारी प्रोग्राम हैं जिसमें कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी शामिल होंगे। विभाग ने हम पर प्रोग्राम में शामिल होने का दबाव बनाया। यह दबाव गोरखपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में बनाया गया। विभाग के दबाव पर जिले के अनुदानित व गै अनुदानित मदरसों के करीब 200 शिक्षक सरकारी प्रोग्राम समझकर शिरकत करने को तैयार हो गये। बाकायदा मदरसे वालों ने एक बस की जिसमें 30-40 मदरसा शिक्षक रवाना हुए। इसका खर्चा भी मदरसे वालों ने ही उठाया। अन्य मदरसा शिक्षक अपने साधनों से अयोध्या पहुंचे.
गोरखपुर के मदरसा शिक्षकों की अध्यक्षता शहर काजी मुफ्ती वलीउल्लाह ने की। जब यह काफिला अयोध्या रामकथा पार्क में पहुंचा तो यह देख कर सब हैरत में पड़ गए कि प्रोग्राम आरएसएस विंग मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का हैं और मार्गदर्शक व मुख्य वक्ता हैं वरिष्ठ प्रचारक इन्द्रेश कुमार। मुख्य अतिथि के तौर पर कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी भी कार्यक्रम में शामिल थे। मंच से रामजन्म भूमि की बात की जा रही थी. यह देख सभी लोग वापस लौट आये.
धर्मगुरुओं व शिक्षकों ने कहा कि अगर पहले मालूम होता तो इस प्रोग्राम में नहीं शामिल होते। मदरसा शिक्षक नवेद ने बताया कि शनिवार की रात मदरसे से फोन आया कि अयोध्या में सरकारी प्रोग्राम है. अल्पसंख्यक मंत्री शामिल होंगे। विभाग का मौखिक आदेश है कि सभी मदरसे से शिक्षकों को प्रोग्राम में शामिल होना है। सरकारी प्रोग्राम की वजह से सभी मदरसे वाले प्रोग्राम में जाने को तैयार हो गये। जब अयोध्या पहुंचे तब पता चला कि सरकार द्वारा सरकारी कार्यक्रम कह कर आरएसएस के प्रोग्राम में सहभागिता करायी जा रही हैं। रोष तो बहुत था लेकिन अब कर भी क्या सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर पहले से पता होता तो इसमें शिरकत नही करते। यह मुस्लिम धर्मगुरुओं व मदरसा शिक्षकों के साथ धोखा हैं। आरएसएस के प्रोग्राम में मुस्लिम धर्मगुरुओं व मदरसा शिक्षिकों की सहभागिता करवाना निंदनीय हैं। सरकार के इस फैसले से मुस्लिम धर्मगुरुओं व शिक्षकों में काफी रोष हैं। इस प्रोग्राम में मदरसा शिक्षिकों के शिरकत की वजह से मदरसो का पठन-पाठन पूरी तरह से प्रभावित हुआ।
टीचर्स एसोसशिएन मदारिसे अरबिया उप्र के महामंत्री हाजी दीवान साहेब जमां खां ने इस कार्यक्रम में मदरसा शिक्षकों को शामिल कराने पर कड़ी आपत्ति जतायी है। उन्होंने विज्ञप्ति जारी कर सरकार की आलोचना की है.
शहर काजी मुफ्ती वलीउल्लाह ने कहा कि सरकार ने हमको गुमराह किया हैं। यहां हमारे मसले को हल करने के लिए नहीं बल्कि हमें जबाह करने करने के लिए बुलाया गया था. यह उलेमा व शिक्षकों के साथ धोखा हुआ हैं। अल्पसंख्यक विभाग ने दबाव बना कर मुस्लिम धर्मगुरुओं व मदरसा शिक्षकों के साथ धोखा किया हैं। अगर हमारे इल्म में होता तो कतई इस प्रोग्राम में शिरकत नहीं करते । इसकी हम भरसक निंदा करते हैं। यह अफसोसनाक हैं। मुझे बोलने के लिए कहा गया मैं उठकर चला आया। ऐसे प्रोग्रामों में जाना हमें गंवारा नहीं।