गोरखपुर, 7 सितम्बर। वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या से आक्रोशित पत्रकारों, लेखकों, रंगकर्मियों ने 6 सितम्बर की शाम प्रेमचन्द पार्क में सभा कर इस घटना के लिए दक्षिणपंथी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया। सभा में वक्ताओं ने कहा कि गौरी लंकेश की हत्या नरेन्द्र दाभोलकर, गोविंद पनसारे, प्रो एमएम कलबुर्गी की हत्या की ही एक और कड़ी है और इसके जरिए हत्यारे लोकतंत्र, न्याय, अभिव्यक्ति की आजादी और धर्मनिरपेक्षता के पक्षधर लोगों को डराना चाहते हैं। हम ऐसी कायराना हरकतों से एकदम नहीं डरेंगे और अपने संघर्ष को और मजबूत बनाएंगें।
सभा में सबसे पहले एक मिनट का मौन रखकर गौरी लंकेश को श्रद्धाजंलि दी गई। इसके बाद सभा का संचालन कर रहे जन संस्कृति मंच के महासचिव पत्रकार मनोज कुमार सिंह ने गौरी लंकेश द्वारा अपनी पत्रिका में लिखे आखिरी सम्पादकीय को पढ़ा।
गौरी लंकेश पर गणेश देवी के लिखे संस्मरण को भी पढ़ा गया। सभा में वक्ताओं ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद से दक्षिणपंथी ताकतों का मनोबल सातवें आसमान पर पहुंच गया है और वे असहमति की हर आवाज की हत्या करने पर उतारू हैं। उन्हें सत्ता का संरक्षण ही नहीं प्राप्त है बल्कि सत्ता उन्हें हमलों के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है। वक्ताओं ने कहा कि इन हमलों का पुरजोर तरीके से मुकाबला करने की जरूरत है।
सभा में जनवादी लेखक संघ के प्रमोद कुमार, प्रगतिशील लेखक संघ के भरत शर्मा, गोरखपुर विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर चन्द्रभूषण अंकुर, अब्दुल्ला सिराज अहमद, डा. संध्या पांडेय, रंगकर्मी राजाराम चैधरी, लोक जनवादी अधिकार मंच के कृपाशंकर, विजय यादव, सुजीत कुमार श्रीवास्तव, प्रवीण, महेन्द्र श्रीवास्तव, श्रवण कुमार, छात्र नेता पवन कुमार, फिल्मकार प्रदीप सुविज्ञ, सतविन्दर कौर, धर्मेन्द्र श्रीवास्तव, अमृता राव, महेन्द्र कुमार, पत्रकार कासिफ आदि उपस्थित थे।