जिला अस्पताल के 100 बेड पर भर्ती हैं 149 मरीज
एसएनसीयू वार्ड के 12बेडों पर रखे गए 28 बच्चे
जेई-एईएस वार्ड के सभी बेड फुल
आर एन शर्मा
महराजगंज, 7 सितम्बर. जिले में बाढ के जाने के बाद अब अस्पतालों में मरीजों की बाढ आने लगी है। संक्रामक रोगों से ग्रस्त लोगों से महराजगंज का जिला अस्पताल भर गया है. यहाँ उपलब्ध संसाधन कम पद गए हैं.
जिले में 14 अगस्त को आई बाढ ने 262 गाँवों को अपने जद में लिया. 114 गाँव मैरूंड हुए। अभी भी सात गाँव मैरूंड हैं। जैसे-जैसे बाढ का पानी खिसक रहा है वैसे-वैसे संक्रामक रोग पांव पसार रहे हैं।
दूसरे के घरों, शरणालयों अथवा बांधो पर प्लास्टिक तान कर आशियाना बनाने वाले बाढ पीड़ितों को घर जाने से पहले अस्पताल की तरफ रूख करना पड़ रहा है।
संक्रामक रोगों के बढने की स्थिति अस्पताल में रोज वाले मरीजों की संख्या से तस्दीक़ होती है। 100 बेड वाले जिला अस्पताल में इस वक्त 149 मरीज भर्ती हैं। यहाँ रोज 1500 से 1800 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं।
अगस्त महिने में कुल 30096 नए मरीजों ने इलाज के लिए पंजीकरण कराया था। इस माह संक्रामक रोगों की वजह से मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है।
जेई-एईएस के 103 मरीजों में 8 की मौत
जिला अस्पताल का जेई-एईएस वार्ड दस बेड का है जो लगातार भरा रह रहा है. कई बार तो एक-एक बेड पर दो-दो मरीजों को रखना पड़ रहा है. एक जनवरी 2017 से 6 सितंबर के बीच जिला अस्पताल में दाखिल किए गए जेई- एईएस के मरीजों में से आठ की मौत हो गयी।
जिला अस्पताल के 12 बीएड वाले सिक न्यू बार्न यूनिट में बुधवार को 28 बच्चे भर्ती थे.
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक आर बी राम ने गोरखपुर न्यूज़ लाइन से कहा कि बाढ का पानी हटने के बाद संक्रामक रोगों के साथ साथ-साथ जेई-एईएस मरीजों की संख्या भी बढ रही है। जेई/एईएस के दो तीन मरीज रोज भर्ती हो रहे हैं।
अब तक 8 जेई के , 9 डेंगू के, 20 स्क्रबर टाइफस के , दो चिकनगुनिया के मरीज मिले। गोरखपुर के कैम्पियरगंज की सुमन नामक मरीज में जेई -डेंगू तथा स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई थी मगर उसे बचा लिया गया जबकि सीमा नामक लड़की जो जेई- चिकनगुनिया तथा डेंगू से पीड़ित थी उसकी मौत हो गयी । सीमित संसाधनों के बीच बेहतर इलाज देने की पूरी कोशिश की जा रही है।