गोरखपुर / महराजगंज , 7 सितम्बर. शिक्षामित्रों ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगते हुए सामान कार्य के लिए सामान वेतन की मांग करते हुए गोरखपुर और महराजगंज में बीएसए कार्यालय पर दूसरे दिन भी धरना दिया. गोरखपुर में शिक्षा मित्रों ने अर्ध नग्न होकर प्रदर्शन किया।
गोरखपुर में शिक्षा मित्रों को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष गदाधर दूबे व अजय सिंह ने कहा कि बार-बार शिक्षामित्र संघ के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री व शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई वार्ता को दरकिनार करते हुए मनमानी तौर से दस हज़ार का मानदेय शिक्षक दिवस के दिन जारी करना अहंकार व निरंकुशता का प्रमाण है । मुख्यमंत्री जी से हम सभी मांग करते हैं कि समान कार्य समान वेतन देते हुए एनसीटीई के पैरा फ़ोर में परिवर्तन कर प्रदेश के एक लाख बहत्तर हज़ार शिक्षामित्रों के परिवार की ज़िंदगी बचा लें।
धरने को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बलराम त्रिपाठी ने भी अपना नैतिक समर्थन करते हुए संबोधित किया । धरने में अल्पना राय ,मेनका पांडेय ,सीमा ,विजय लक्ष्मी ,रजनी सिंह ,संगीता ,बंदना ,अनीता ,प्रतिभा ,अर्चना,कुसुम ,रीमा ,अनुपमा पांडेय ,सद्यावती रामनगीना ,अविनाश ,अशोक चंद्रा ,हुकुमचंद चौहान ,संजय यादव अजय चंद ,लालधर निषाद अंजनी पासवान ,विनोद यादव ,अजित बृजभूषण सैनी ,अतुल राय ,अमित राय सहित काफ़ी मात्रा में शिक्षामित्र उपस्थित रहे ।
महराजगंज में समान कार्य का समान वेतन की मांग को लेकर जिले भर के शिक्षा मित्रों ने गुरूवार को दूसरे दिन भी धरना दिया और जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित तीन सूत्रीय ज्ञापन भेजा।
धरने को संबोधित करते हुए संघ के जिला अध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता ने कहा कि समायोजन रद करने के फैसले की वजह से लाखों शिक्षा मित्र सपरिवार बहाली जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं। जिलाध्यक्ष श्री गुप्त ने कहा इस मुद्दे को लेकर बेसिक शिक्षा सचिव एवं संगठन के बीच कई दौर में वार्ता हुई। मगर बात नहीं बन पा रही है। उन्होंने ने कहा कि कैबिनेट द्वारा शिक्षा मित्रों के लिए 10,000 मानदेय का प्रस्ताव बनाया गया जो हमें मंजूर नहीं है। चालीस हजार पाने वालों को दस हजार देने की बात करना कहाँ का न्याय संगत है।
शिक्षामित्रो ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्रक में कहा है कि शिक्षा मित्रों को पुनः शिक्षक बनाने के लिए अध्यादेश लाया जाए, समान कार्य का समान वेतन को लागू किया जाए और एनसीटीई एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव भेजा जाए।
धरने को सदानंद पांडेय, गोपाल यादव, ओमप्रकाश त्रिपाठी,शैलेन्द्र यादव आदि ने संबोधित किया ।