गोरखपुर , 16 अक्टूबर. इंसेफेलाइटिस उन्मूलन अभियान के चीफ कैंपेनर डा आर एन सिंह ने इंसेफेलाइटिस ( जेई / ए ई एस ) से बचाव को प्राथमिक,माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा में एक विषय के रूप में शामिल करने की मांग मुख्यमंत्री से की है.
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, वेस्ट बंगाल , आसाम सहित देश के 19 प्रांतों की जनता आधी शताब्दी से एक बड़ी सालाना त्रासदी का सामना कर रही है. इसके नियंत्रण/ उन्मूलन में प्रिवेन्शन की ही मुख्य भूमिका है। इसका कोई सटीक इलाज अब तक विश्व में कहीं नहीं है। प्रिवेंशन बिना नागरिकों के सक्रिय भागीदारी संभव नहीं। केवल सरकारों पर जिम्मेदारी डाल देने पर महामारी का खात्मा असंभव है।
डॉ सिंह ने कहा कि प्रिवेंशन में वातावरणीय व व्यक्तिगत स्वच्छता , खुले में शौच को समाप्त करना, खाने से पहले और शौच के बाद हाथ धोना, स्वच्छ पेयजल का प्रयोग, मच्छरों पर नियंत्रण, समाज व परिवार के स्तर पर डोमेस्टिक फागिंग, समय से जे ई के टीके लगवाना, सूअर बाड़ों को आबादी से अलग रखना आदि अनेक मुख्य मुद्दे हैं। इन सभी की नागरिकों को जानकारी व उनकी सक्रिय भागीदारी महामारी को नियंत्रित करने के लिए अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि यदि इन बातों को प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में एक विषय के रूप में शामिल कर दिया जाय तो नागरिकों में नियंत्रण के लिए काफी जागरुकता आ जायेगी। तीस प्रतिशत मृत्युदर वाली इस महामारी के रोकथाम में शिक्षा के माध्यम से सकारात्मक परिणाम आने तय हैं।इससे महामारी को नियंत्रित करने/ उन्मूलित करने में काफी सहूलियत मिलेगी।
डॉ सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इंसेफेलाइटिस से बचाव को विषय के रूप में पाढ्यक्रमों में शामिल करने की मांग की.