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कन्हैया कुमार पर लखनऊ में हमले की निंदा, युवा दलित नेता चंद्रशेखर को रिहा करे सरकार : माले

लखनऊ, 11 नवंबर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने जेएनयू के पूर्व  अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर लखनऊ के एक कार्यक्रम में हुए हमले की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने भीम आर्मी के युवा नेता चंद्रशेखर उर्फ रावण पर से रासुका हटाकर रिहा करने की मांग भी की है।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि योगी राज में एक तरफ अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ दलितों की न्याय की मांग का भी गला घोंटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये दोनों घटनाएं लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली और फासीवाद की आहट का प्रतीक हैं। माले नेता ने कहा कि वामपंथी नेता को राजधानी में बोलने से भगवा संगठन के लोगों ने रोका और शारीरिक हमला किया, जो दिखाता है कि संघ-भाजपा को गुंडागर्दी करने की खुली छूट मिली हुई है। वहीं शब्बीरपुर के दलितों पर सामंती ठाकुरों के हमले की घटना में न्याय करने की आवाज उठाने वाले दलित नेता के खिलाफ फर्जी आरोपों में जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर कर लीं, तो रातोंरात उन पर रासुका लगा कर पुनः अंदर कर दिया गया। गंभीर रुप से बीमार दलित नेता के स्वास्थ्य की भी शासन-प्रशासन ने परवाह नहीं की। यह इस बात का प्रमाण है कि योगी सरकार लोकतंत्र और दलित विरोधी है।
माले नेता ने कहा कन्हैया कुमार के हमलावरों को जेल भेजा जाना चाहिए और चंद्रशेखर को मुक्त कर उनका समुचित इलाज कराना चाहिए।

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